Pushpak Express Accident: महाराष्ट्र के जालना जिले में पुष्पक एक्सप्रेस की 22 जनवरी को यात्रा कर रहे, यात्रियों के लिए यह सिर्फ एक साधारण रेल यात्रा थी। लेकिन किसी को यह नहीं पता था, कि यह दिन उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला है। इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की जान गई और बहुत से लोग घायल भी हो गए। दोपहर करीब 4:00 बजे शिकारपुर और पार्डहड़े के बीच में एक अफवाह ने ट्रेन के यात्रियों को परेशान कर दिया। दरअसल कुछ रात्रियों ने देखा, कि उनके कोच से चिंगारियां निकल रही हैं और उन्हें लगा, कि कोच में आग लग गई है। इस डर से कुछ यात्रियों ने ट्रेन की चेन को खींच दिया और ट्रेन को रोक दिया, जैसे ही ट्रेन रुकी यात्री अपनी जान बचाने के लिए बाहर कूदने लगे।
कर्नाटक एक्सप्रेस(Pushpak Express Accident)-
लेकिन उन्हें यह नहीं पता था, कि बगल वाली पटरी पर कर्नाटक एक्सप्रेस आ रही है और जैसे ही वह कूदे उनकी जान चली गई। हादसा इतना भयानक था, कि जालना जिला एक बार फिर से दहल उठा। हादसे की वजह से 11 यात्राओं की मौत हो गई। लगभग 8 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही राहत कार्य के लिए एक ट्रेन घटनास्थल पर भेजी गई। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पुष्पक एक्सप्रेस के एक कोच में शायद ब्रेक ब्रांडिंग की वजह से चिंगार निकली। जियसे यात्रियों में हड़कंप मच गया।
अस्पतालों को तैयार रहने के आदेश(Pushpak Express Accident)-
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडण्वीश ने अस्पतालों को तैयार रहने के आदेश दिए है। जिससे घायल यात्रियों को उचित समय पर इलाज मिल सके। उन्होंने कहा, कि सरकारी और निजी अस्पतालों को घायलों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हादसे में जिन लोगों ने अपनी जान गवाई है। उनके परिवारों में मातम का माहौल छाया हुआ है। लोग ट्रेन से बेफिक्र होकर यात्रा कर रहे थे। अब उनके परिवार की दशा कैसी होगी, इसे समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। हादसा लंबे समय तक याद रखा जाएगा, यह सिर्फ एक ट्रेन यात्रा नहीं, बल्कि कई हिंदुओं का बेगैरत लोगों के आत्मविश्वास को भी बिगाड़ दिया। इससे रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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अफवाहों का दौर-
इस घटना ने हमें एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया, कि क्या सफर करते समय यात्रियों के बीच में जानकारी का सही प्रभाव हो रहा है या नहीं। यात्री को ऐसी जानकारी मिलनी चाहिए, कि उन्हें ऐसी स्थिति का सामना ना करना पड़े। सोशल मीडिया पर अफवाहों का यह दौर बहुत ही गंभीर है। किसी भी तरह की बिना पुष्टि किए, ऐसी घटनाएं घटित हो सकती हैं। लोगों को जागरूक करने जरूरी है। जिससे ऐसी सूचनाओं पर ध्यान देने से पहले सोचना चाहिए। यह ट्रेन हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, यह उन यात्रियों की याद दिलाता है, जो एक सामान्य यात्रा के दौरान हमेशा एक सुरक्षित यात्रा की उम्मीद रखते हैं। इस घटना ने बहुत से परिवारों को अनजाने में प्रभावित किया है।
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