Supreme Court ने मंगलवार को आम चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के समय के बारे में बात करते हुए ईडी से सवाल किया है और जवाब मांगा है। यह देखते हुए की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ में ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सी राजू से 3 मई को अगली तारीख पर जवाब देने को कहा है। पीठ ने राजू से कई सवाल पूछे, कोर्ट केजरीवाल की एनसीईआरटी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने उत्पादन से संबंधित जवाब देने, कार्यवाही शुरू करने और गिरफ्तारी की कार्यवाही के बीच समय के अंतर के बारे में बताने को कहा।
कार्यवाही के बिना आपराधिक कार्यवाही (Supreme Court)-
ईडी को इस बात पर भी जवाब देना होगा, कि क्या बिना किसी न्यायिक कार्रवाई के आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है। कार्यवाही के बिना क्या आप आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई और अगर हुई है तो दिखाइए कि केजरीवाल इसमें कैसे शामिल हैं। शीर्ष अदालत का कहना है कि पीएमएलए की धारा 19 के तहत सीमा अभियोजन पक्ष पर डालती है ना कि आरोपी पर। जबकि धारा 45 के तहत जिम्मेदारी आरोपी पर आ सकती है, तो हम इसकी व्याख्या कैसे करें।
केजरीवाल का मामला कहां है (Supreme Court)-
क्या हम सीमा को बहुत ज्यादा ऊंचा बनाते हैं और सुनिश्चित करते हैं, कि मानक समान हैं। जहां तक मनीष सिसोदिया के मामले की बात है तो पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हमें बताएं कि फिर केजरीवाल का मामला कहां है, दिल्ली की तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में केजरीवाल है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सवाल पूछे कि क्या बिना किसी न्यायिक कार्रवाई के बिना मदन लाल चौधरी आने मामले में जो भी कुछ कहा गया है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है। केजरीवाल के मामले में अब तक कोई कुर्की क्यों नहीं आई है।
ईडी को यह बताना होगा-
अगर हुई है तो ईडी को यह बताना होगा कि उनका संबंध कैसे था, पीएमएलए के क्षेत्र 19 की व्याख्या कैसे की जाए। क्योंकि केजरीवाल जमानत के लिए आवेदन करने के बदले गिरफ्तारी के खिलाफ आ रहे हैं। अगर वह बाद का रास्ता अपनाते हैं तो उन्हें पीएमएलए क्षेत्र 45 के तहत उच्च प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा। मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय गिरफ्तारी की टाइमिंग चुनाव से पहले ही क्यों की गई।
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गिरफ्तार करने का अधिकार-
29 अप्रैल को केजरीवाल की ओर से दी गई याचिका में कहा गया की तीन स्टेज होते हैं, दस्तावेज, विश्वास करने का कारण और आरोपी होना, गिरफ्तार करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं है कि गिरफ्तार कर रहे हैं। आरोप साबित होना चाहिए, सिर्फ शक के बिनाह पर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। आपके पास आरोप साबित करने के लिए सबूत होने चाहिए, कुछ आधार होना चाहिए जो हमें नहीं पता। केजरीवाल को सीबीआई ने बुलाया वह गए नोटिस का डिटेल में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह नहीं आ सकते, आप आज यह नहीं कह सकते कि आप आए नहीं इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया।
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