Supreme Court
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    Supreme court: Delhi NCR के आसपास के राज्यों में फैले प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने एक कड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले पर चली लंबी सुनवाई में कहा कि पराली जलाना रणनीतिक मसला नहीं है, इसे तुरंत ही रोकना होगा। बेंच ने यूपी, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिव और डीजीपी को यह आदेश दिया है कि वह सभी अदालत के आदेश का पालन करें और कोर्ट में यह भी कहा है कि पराली जलाने पर तुरंत रोक लगानी होगी।

    गैस चेंबर-

    कोर्ट का कहना है कि हम दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों को गैस चेंबर नहीं बना सकते हैं। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी कुमार को तलब किया। बेंच का कहना है कि दिल्ली में लगे दो स्मोग टॉवर्स को तुरंत चालू किया जाए। अदालत में पराली जलाने को एक गंभीर मसला बताते हुए तुरंत इसे रोकने को कहा है। इसके लिए इंतजार नहीं किया जा सकता।

    पराली जलाने पर रोक-

    कल का भी इंतजार हम नहीं करना चाहेंगे और पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए राजस्थान, पंजाब, यूपी और हरियाणा को कदम उठाना होगा। यही नहीं पराली जलाने पर रोक की जिम्मेदारी स्थानीय SHO की होगी। उन्हें यह काम करना होगा और पूरे मामले की निगरानी खुद करनी होगी। बेंच का कहना है कि कैबिनेट सचिव को सभी संबंधित पक्षों की मीटिंग बुलानी चाहिए।

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    पॉल्यूशन से निपटने का प्लान-

    पॉल्यूशन से निपटने का प्लान तैयार किया जाए। अदालत ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शुक्रवार तक एयर पॉल्यूशन से कुछ राहत मिलेगी। अदालत में इस दौरान पराली की समस्या के स्थाई समाधान के लिए धान की खेती की कम करने का सुझाव दे दिया है। जज का कहना है कि किसानों को धान से हटकर मोटे अनाज की पैदावार पर ध्यान देना चाहिए। बेंच का कहना है कि इस काम में केंद्र को भी राज्यों की मदद करनी चाहिए, जिससे मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाया जा सके।

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