Indian Rupee Fall
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    Indian Rupee Fall: भारतीय रुपया बुधवार को एक बार फिर गिरावट के साथ 90 रुपये प्रति डॉलर के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 90.18 के नए रिकॉर्ड लो पर पहुंच गया। इस गिरावट को देखते हुए, प्रसिद्ध भारतीय निवेशक बासंत माहेश्वरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने संदेह जताया, कि एक कार्टेल भारतीय करेंसी पर प्रेशर डाल रहा है। माहेश्वरी का मानना है, कि अगर ऐसा न होता तो रुपया अब तक डॉलर के बराबर होता।

    सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी-

    माहेश्वरी की इस पोस्ट पर X यूजर्स ने मिले-जुले रिएक्शन दिए। कुछ ने उनकी बात का समर्थन किया, तो कुछ ने विरोध किया। स्टॉक मार्केट ट्रेनर कुलदीप वर्मा ने कई बार रिप्लाई करते हुए कहा, कि यह कोई साजिश नहीं है, बल्कि देश का ट्रांजिशन फेज है, जो अपनी डेस्टिनी को फिर से लिख रहा है। वर्मा ने कहा, कि कोई भी कार्टेल किसी करेंसी पर अटैक कर सकता है, लेकिन भारत की विल को प्रभावित नहीं कर सकता। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, “क्योंकि दुनिया में कोई भी कार्टेल 140 करोड़ भारतीयों की एक साथ बढ़ती धड़कन से मजबूत नहीं है।”

    विदेशी फंडेड प्रोपेगेंडा का आरोप-

    रॉबिन बखान ने माहेश्वरी की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए इसे फॉरेन फंडेड प्रोपेगेंडा बताया। उनका कहना है कि एंटी-नेशनल फोर्सेज डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट को मैनिपुलेट करने की कोशिश कर रही हैं। गौरतलब है कि भारतीय करेंसी लगातार तीसरे सेशन में रिकॉर्ड लो पर पहुंच गई है।

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    क्या हैं असली कारण?

    फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, इंपोर्टर्स, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स और आयातकों की डॉलर डिमांड रुपये पर दबाव बना रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डोमेस्टिक यूनिट पर अपनी पकड़ ढीली कर दी है, जिससे करेंसी में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। एक्सपोर्टर्स भी साइडलाइन पर हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है, कि रुपये में और करेक्शन आएगा। मार्केट पार्टिसिपेंट्स अब 5 दिसंबर को आने वाले RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

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