Rajkumar Rao
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    Rajkumar Rao: राजकुमार राव, जो अपनी शानदार अभिनय के लिए मशहूर हैं, आज एक कानूनी विवाद में फंस गए हैं। उनकी 2017 की फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ के कारण जालंधर न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब अभिनेता अदालत की सुनवाई में हाजिर नहीं हुए। यह पूरा मामला 2017 में शुरू हुआ था, जब ‘बहन होगी तेरी’ फिल्म के कुछ दृश्यों और पोस्टरों को लेकर विवाद खड़ा हुआ। फिल्म में राजकुमार राव का एक दृश्य था, जिसमें वो भगवान शिव का रूप धारण कर मोटरसाइकिल पर बैठे दिखाई दे रहे थे और उनके पैरों में चप्पल भी थी। इस चित्रण से जालंधर के कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

    एफआईआर में कई नाम शामिल-

    इस विवाद के बाद राजकुमार राव के साथ-साथ फिल्म के निर्देशक नितिन काकड़, निर्माता अमूल विकास मोहले और सह-कलाकार श्रुति हासन के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सभी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। राजकुमार राव ने पहले से ही अग्रिम जमानत ले ली थी, क्योंकि उन्हें पता था, कि यह कानूनी समस्या हो सकती है। लेकिन जब वो अदालती सुनवाई में नहीं पहुंचे, तो स्थिति और जटिल हो गई। जालंधर अदालत ने तुरंत उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया, जिससे पता चल गया, कि अब यह मामला बहुत गंभीर हो गया है।

    जमानत-

    29 जुलाई 2025 को शाम 4 बजे राजकुमार राव जालंधर अदालत में पहुंचे। वो मास्क पहनकर और बहुत ही सादे अंदाज में आए। न्यायाधीश ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी और सुनवाई को 30 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया। असल में यह पूरी समस्या इसलिए हुई, क्योंकि राजकुमार राव को अदालती समन सही पते पर नहीं मिला था। उनके वकील ने तर्क दिया, कि समन गुड़गांव के गलत पते पर भेजा गया था, जबकि राजकुमार राव मुंबई में रहते हैं। इसलिए उन्हें पता ही नहीं चला, कि उनकी अदालती तारीख है।

    सेंसर बोर्ड का प्रमाणन एक सवाल-

    राजकुमार राव के बचाव में एक महत्वपूर्ण बात यह है, कि ‘बहन होगी तेरी’ फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से यूए प्रमाणपत्र मिला था। इसका मतलब यह है, कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के उस दृश्य को आपत्तिजनक नहीं माना था। फिर सवाल यह उठता है, कि अगर सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दे दी थी, तो फिल्म रिलीज के बाद यह विवाद क्यों खड़ा हुआ।

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    कलाकारों के लिए एक सबक-

    यह मामला बताता है, कि फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों को कितनी सावधानी बरतनी पड़ती है। एक तरफ उन्हें अपनी कलात्मक स्वतंत्रता का इस्तेमाल करना होता है, दूसरी तरफ धार्मिक भावनाओं का भी ख्याल रखना पड़ता है। राजकुमार राव का यह मामला दिखाता है, कि छोटी सी लापरवाही भी कैसे बड़ी कानूनी मुसीबत बन सकती है।

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