Rahul Gandhi
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    Rahul Gandhi: मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में IPS अधिकारी वाई पुरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। यह मुलाकात उस वक्त हुई, जब इस मामले में देशभर में हंगामा मचा हुआ है। कुछ दिन पहले ही हरियाणा में अपने घर पर पुरन कुमार ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर जान दे दी थी। इस घटना ने पूरे देश में नौकरशाही और पुलिस विभाग में जातिगत भेदभाव की समस्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

    राहुल गांधी ने परिवार से मिलने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, कि यह घटना देश के सभी दलितों को एक गलत संदेश दे रही है। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, कि इस घटना से यह मैसेज जा रहा है, कि चाहे आप कितने भी सफल क्यों न हों, अगर आप दलित हैं, तो आपको कुचला जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, कि यह केवल एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि देश के करोड़ों दलित भाई-बहनों के सम्मान का सवाल है।

    परिवार की मांग और सरकार पर आरोप-

    विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री से अपील की, कि वे पुरन कुमार की बेटियों के साथ किए गए कमिटमेंट को पूरा करें और उनके पिता का अंतिम संस्कार होने दें। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, कि सीएम सैनी ने निष्पक्ष जांच का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा, कि स्वर्गीय IPS अधिकारी की बेटियों पर काफी दबाव बनाया जा रहा है।

    राहुल गांधी ने सिस्टमैटिक डिस्क्रिमनेशन का आरोप लगाते हुए कहा, कि पुरन कुमार के करियर को बर्बाद करने के लिए उनके साथ व्यवस्थित तरीके से भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है। देश में करोड़ों दलित भाई-बहन हैं और उन्हें गलत संदेश मिल रहा है। यह संदेश, कि चाहे आप कितने भी सफल, बुद्धिमान या काबिल क्यों न हों, अगर आप दलित हैं, तो आपको दबाया जा सकता है और बाहर फेंका जा सकता है। यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है।”

    क्या है पूरा मामला-

    सात अक्टूबर को हरियाणा में अपने घर पर IPS अधिकारी वाई पुरन कुमार ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने पीछे एक आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें कई सिनियर अधिकारी के नाम थे। पुरन कुमार की पत्नी अमनीत पुरन कुमार, जो खुद एक IAS अधिकारी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया, कि इस नोट में हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारनिया का नाम लिया गया था। नोट में “खुलेआम जातिगत भेदभाव, मेंटल हैरस्मेंट, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का जिक्र था।

    अमनीत ने कपूर और बिजारनिया के खिलाफ FIR दर्ज करने और SC/ST (Prevention of Atrocities) Act के सही प्रोविज़न को शामिल करने की मांग की है। फिलहाल पुरन कुमार का पोस्टमार्टम भी रुका हुआ है, क्योंकि परिवार ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी है।

    कम्युनिकेशन गैप का खुलासा-

    परिवार ने यह भी आरोप लगाया था, कि उन्हें IPS अधिकारी के शव को गवर्नमेंट मल्टी-स्पैसल हॉस्पिटल, सेक्टर 16 से PGIMER में शिफ्ट करने के बारे में सूचित नहीं किया गया। अमनीत ने पुलिस अधिकारियों को बताया था, कि दोनों बेटियां अपने पिता के शव को देखना चाहती थीं, ताकि वे उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। जानकारी के मुताबिक, इस बातचीत को गलती से पोस्टमॉर्टम के लिए कन्सेंट समझ लिया गया। बाद में चंडीगढ़ पुलिस के DGP सागर प्रीत हुड्डा ने भी माना कि कम्युनिकेश़न गैप हुई थी।

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    यह मामला सिर्फ एक ट्रैजडी नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और सिस्टम में मौजूद जातिगत भेदभाव की गहरी खाई को उजागर करता है। यह सवाल उठाता है, कि जब एक IPS अधिकारी जैसे हाई पॉजिश़न पर बैठे व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम दलित नागरिकों की क्या स्थिति होगी। इस घटना ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है, कि क्या हमारा सिस्टम सच में जातिमुक्त और न्यायपूर्ण है। परिवार को न्याय मिले और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए जरूरी है, कि पार्दशी जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।

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