Delhi Water Crisis
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    Delhi Water Crisis: दिल्ली के लिए एक बार फिर पानी की किल्लत का संकट गहरा सकता है। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद के कारण राजधानी में जलापूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। दिल्ली को अपनी 90 प्रतिशत पानी की जरूरतों के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसमें पंजाब के भाखड़ा बांध से मिलने वाला 270 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पानी भी शामिल है।

    "पंजाब के भाखड़ा जलाशय से हरियाणा को मिलने वाले पानी में से 500 क्यूसेक पानी दिल्ली को दिया जाता है, जिससे लगभग 76 लाख दिल्लीवासियों की प्यास बुझती है," जल विशेषज्ञों का कहना है। अगर यह आपूर्ति बाधित होती है, तो इस गर्मी में दिल्ली में भीषण जल संकट पैदा हो सकता है।

    Delhi Water Crisis राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप-

    जागरण के मुताबिक, इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब द्वारा पानी रोके जाने को आम आदमी पार्टी (आप) की राजनीतिक साजिश करार दिया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का आरोप है कि "पंजाब की भगवंत मान सरकार, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर पानी की आपूर्ति रोक रही है।"

    सचदेवा के अनुसार, "दिल्ली की जनता केजरीवाल और उनकी पार्टी को नकार चुकी है। इसका बदला लेने के लिए वे दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहते हैं।" दूसरी ओर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी चेतावनी दी है कि पंजाब द्वारा पानी रोके जाने से दिल्ली में पेयजल आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित होगी।

    Delhi Water Crisis पिछला अनुभव और वर्तमान चुनौतियां-

    दिल्लीवासियों को हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। पिछले साल भी जल संकट को लेकर राजनीतिक तनाव देखने को मिला था, जब तत्कालीन आप सरकार ने हरियाणा पर दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

    इस बार स्थिति अलग है। दिल्ली में आप सरकार नहीं है, और नव-निर्वाचित भाजपा सरकार के सामने पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और जल मंत्री प्रवेश वर्मा निरंतर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और पानी की चोरी रोकने के लिए विशेष उपाय कर रहे हैं।

    दिल्ली के पानी के स्रोत-

    दिल्ली के पास पानी का अपना कोई प्रमुख स्रोत नहीं है। राजधानी के लोगों की प्यास हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से मिलने वाले पानी से बुझती है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की पानी की वास्तविक आवश्यकता लगभग 1290 एमजीडी है, जबकि उपलब्ध आपूर्ति केवल लगभग 1000 एमजीडी है।

    दिल्ली को पानी की आपूर्ति निम्न स्रोतों से होती है:-

    * दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) - 178 एमजीडी

    * कैरियर लाइन चैनल (सीएलसी) - 369 एमजीडी

    * ऊपरी गंगा नहर - 254 एमजीडी

    * ट्यूबवेल और रेनीवेल - 135 एमजीडी

    * कुल - 936 एमजीडी

    भाखड़ा और यमुना का पानी हरियाणा से दिल्ली सब ब्रांच और कैरियर लाइन चैनल के माध्यम से दिल्ली पहुंचता है, जबकि गंगा का पानी उत्तर प्रदेश से गंग नहर के जरिए आता है।

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    दिल्ली के लिए पानी की समस्या का दीर्घकालिक समाधान अन्य राज्यों पर निर्भरता कम करना और जल संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देना है। वर्षा जल संचयन, पानी के रीसाइक्लिंग और जल प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था से स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।

    लेकिन वर्तमान में, दिल्ली सरकार को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पंजाब और हरियाणा के अपने समकक्षों से बातचीत करने का संकेत दिया है, ताकि इस गंभीर स्थिति का समाधान निकाला जा सके।

    गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या और भी विकराल हो जाती है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सभी पक्ष मिलकर इस मानवीय संकट का समाधान निकालेंगे।

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