Sudhir Sharma को एआईसीसी सचिव पद से कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। कांग्रेस द्वारा शर्मा को बाकी घोषित किया गया। शर्मा अपनी ही सरकार के कामकाज की आलोचना और अलग-अलग अवसरों पर उनके नाराजगी के अभिव्यक्ति से पार्टी के अंदर तनाव उत्पन्न हो रहा था। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को सुधीर शर्मा को अक सचिव पद से तुरंत हटा दिया। शर्मा इससे पहले तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने राज्यसभा चुनाव 2024 के दौरान हिमाचल प्रदेश में पार्टी के खिलाफ बगावत की थी। हिमाचल प्रदेश के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानी ने दल बदल विरोध कानून के तहत राज्य विधानसभा सत्र कांग्रेस समर्थ विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल-
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक विद्यापति में कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शर्मा को तत्काल प्रभाव से सचिव पद से हटा दिया। शर्मा धर्मशाला के वरिष्ठ और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने की वजह से उन्हें हाल ही में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आज महासचिव सचिव के पद से उन्हें हटा दिया गया है।
Congress President Mallikarjun Kharge removes Sudhir Sharma from his position as AICC Secretary with immediate effect. pic.twitter.com/uO0jc6TWav
— ANI (@ANI) March 6, 2024
सुधीर शर्मा पहली बार 2003 में बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2007 में वह बैजनाथ से फिर से जीते और 2012 में धर्मशाला में तीसरी बार उन्होंने जीत हासिल की। वह हिमाचल के हिमाचल के बागी कांग्रेस विधायकों में से एक थे। साल 2003 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए और उसके बाद साल 2007 में वह बैजनाथ से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए।
संसदीय सचिव के रूप में कार्य-
सुधीर शर्मा ने 8 अप्रैल 2005 से अगस्त 2005 तक संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया। वह सितंबर 2005 से 2007 तक लोक लेख पुस्तकालय, सदस्य सुविधा, ग्रामीण योजना समितियां समेत विभिन्न समितियों के सदस्य थे, बाद में उन्होंने यह पद संभाला। 2012 से 2017 तक आवास नगर और देश नियोजन विभाग के साथ शहरी विकास मंत्री रहे। दिसंबर 2022 में सुधीर शर्मा चौथे कार्यकाल के लिए राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। उन्हें प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था और वह विशेष अधिकार समिति के सदस्य हैं।
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क्रॉस वोटिंग के चलते-
हाल ही में राज्यसभा मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग के चलते अनुपस्थित रहने वाले विद्रोहियों पर कांग्रेस ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जिनमें क्रॉस वोटिंग की वजह से कांग्रेस के नेता अभिषेक सिंह राज्य सभा चुनाव हार गए थे। सुधीर शर्मा को उनके पार्टी पद से हटाना कांग्रेस पार्टी की अपनी रैंकों के अंदर अनुशासन और एकता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे कानूनी लड़ाइयां सामने आ रही हैं, हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक प्रदेश से गतिशील बदलती हुई नजर आ रहा है। जिसका असर से राज्य की राजनीतिक कहानी के भविष्य को आकार देने की संभावना है।
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