Kumbh Mela Bike Taxi: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में भारी भीड़ के बीच एक नई पहल ने श्रद्धालुओं के लिए राहत का काम किया है। स्थानीय युवाओं, खासकर कॉलेज के छात्रों ने अपनी मोटरसाइकिल और स्कूटर को टैक्सी में बदल दिया है, जिससे तीर्थयात्रियों को त्रिवेणी संगम तक पहुंचने में मदद मिल रही है।
Kumbh Mela Bike Taxi भीड़ ने रोकी टैक्सी-रिक्शा की रफ्तार-
मेले में भारी भीड़ के कारण नियमित टैक्सी और रिक्शा सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। ऐसे में स्थानीय युवाओं द्वारा चलाई जा रही बाइक टैक्सी श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस सेवा के लिए 100 से 1000 रुपये तक का किराया लिया जा रहा है।
Kumbh Mela Bike Taxi युवाओं की पहल-
लॉ के छात्र विजय ने पीटीआई को बताया, "मैंने देखा कि लोग घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहते हैं, इसलिए मैंने उनकी मदद करने का फैसला किया।" एक बेरोजगार स्नातकोत्तर पीटर ने बताया कि अधिकांश कॉलेज छात्र बाइक टैक्सी चलाकर रोजाना 3,000-5,000 रुपये कमा रहे हैं। मेले के बाद वह नौकरी की तलाश फिर से शुरू करेंगे।

सैनिक भी बना टैक्सी चालक-
लद्दाख से छुट्टी पर आए सेना के जवान लाल बहादुर भी इस पहल में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा, "यह मेरे और श्रद्धालुओं दोनों के लिए फायदेमंद है। मैं अपना ईंधन खर्च निकाल लेता हूं और तीर्थयात्रियों की मदद भी हो जाती है।"
यात्रियों की प्रतिक्रिया-
दिल्ली से आईं सरकारी कर्मचारी पूनम ने संगम तक पहुंचने के लिए 500 रुपये में मोटरसाइकिल की सवारी की। उन्होंने बताया, "भारी भीड़ थी... मैं संगम पहुंची, स्नान किया और उसी दिन दिल्ली लौट रही हूं।" हालांकि कुछ तीर्थयात्री ऊंचे किराए की आलोचना करते हुए अपने सामान के साथ पैदल चलना पसंद करते हैं।
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महाकुंभ का आयोजन-
महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ और महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को समाप्त होगा। अब तक 50 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में स्नान कर चुके हैं। इस दौरान स्थानीय युवाओं की यह पहल श्रद्धालुओं और उनके लिए दोनों के लिए लाभदायक साबित हो रही है।
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