IIT Baba: हाल ही में संपन्न हुए प्रयागराज महा कुंभ मेले से कई सोशल मीडिया सनसनी उभरकर सामने आई। इनमें से एक बने "आईआईटी बाबा" उर्फ अभय सिंह, जिनकी वीडियोज़ ने प्यार और आलोचना दोनों को बटोरा है। अभय सिंह की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक टेलीविज़न बहस के लिए आमंत्रित किया गया था, जो अचानक हिंसक मोड़ ले लिया।
कैमरे चल रहे थे, जब भगवा वस्त्रों में एक समूह ने सिंह को धर्म और अन्य मुद्दों पर की गई टिप्पणियों के लिए घेर लिया। समूह और सिंह के बीच तीखी बहस देखी गई, आवाज़ें तेज़ होती जा रही थीं और अभय सिंह ने तुरंत अपने फोन पर इस स्थिति को रिकॉर्ड करके अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट कर दिया। उन्हें गालियां दी गईं और संतों और 'सनातन धर्म' को बदनाम करने का आरोप लगाया गया।
"मानसिक रूप से अस्थिर", "पाकिस्तान के एजेंट" के आरोप-
समूह के एक सदस्य ने सुझाव दिया कि सिंह को चिकित्सा ध्यान की आवश्यकता है। उसने कहा, "इस आदमी को मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है, यह मानसिक रूप से अस्थिर है। क्या यह वास्तव में एक संत है?" तुरंत ही, उसी व्यक्ति ने सिंह से पूछा, "आपने कैसे कहा कि भारत हार जाएगा?"
IIT Baba Alleges He Was Beaten Up During TV News Nation Debate In Noida..!!
— Omkar Ugale (@Omkarugale2811) March 1, 2025
-Abhay Singh, known as 'IIT Baba', alleged he was assaulted by saffron-clad individuals during a news debate in Noida. He protested outside a police outpost but later withdrew.
Shame On News Nation,… pic.twitter.com/cV9r1CsuBu
इस प्रश्न का पीछे का किस्सा यह है कि 23 फरवरी, 2025 को, जब भारत चैंपियंस ट्रॉफी के मेजबान पाकिस्तान के साथ मैच खेलने की तैयारी कर रहा था, तब अभय सिंह ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें कहा था कि भारत मैच हार जाएगा। इस बात ने उस व्यक्ति को आगे जांच करने और यह निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित किया कि सिंह 'पाकिस्तान के एजेंट' हैं।
पाखंडी और देशद्रोही के आरोप-
जितना यह उनके 'पाखंडी' होने के बारे में था, उतना ही यह भी था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान मैच पर अपने विचारों से भावनाओं को आहत किया है, जिसमें भारत 6 विकेट से जीता था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लिया है और पुष्टि की है; सोशल मीडिया पोस्ट पर, उन्होंने उल्लेख किया है कि जांच चल रही है।
In the presence of media employees in a debate show of News Nation Channel, IIT Baba Abhay Singh was indecent and abused by Hindu Mahatmas, IIT Baba was tried to force IIT Baba without his consent. pic.twitter.com/NkzsKNjsvs
— Jitendra Verma (@jeetusp) February 28, 2025
महा कुंभ से सोशल मीडिया सेलिब्रिटी तक की यात्रा-
अभय सिंह को थोड़ा भी अंदाजा नहीं था कि उनके विचार और वीडियो इतनी तेजी से वायरल हो जाएंगे; तब से वे अपने वीडियो ब्लॉग्स के साथ लगातार बने हुए हैं और निश्चित रूप से उनके पास फॉलोइंग और व्यूअरशिप दोनों है। अब सवाल यह है कि क्या यह वरदान है या अभिशाप?
प्रयागराज के महा कुंभ मेला, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा है, हमेशा से ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र रहा है। लेकिन इस वर्ष, सोशल मीडिया ने इस पवित्र आयोजन को एक नया आयाम दिया है। अभय सिंह जैसे लोगों ने अपने वीडियो के माध्यम से बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंच बनाई है, लेकिन साथ ही विवादों को भी जन्म दिया है।
सोशल मीडिया सेलिब्रिटी का दोहरा पहलू-
महा कुंभ मेले के दौरान, अभय सिंह ने अपने वीडियो ब्लॉग्स से लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया। उनकी सादगी, ज्ञान और प्रस्तुति शैली ने उन्हें विशेष बना दिया। "आईआईटी बाबा" का उपनाम भी उनकी शिक्षा और आध्यात्मिक पहचान के बीच के अनोखे संगम को दर्शाता है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि अक्सर दोधारी तलवार होती है। जैसे-जैसे उनकी लोकप्रियता बढ़ी, उनके विचारों और टिप्पणियों की बारीकी से जांच होने लगी। कुछ ने उन्हें प्रगतिशील और सुलझे विचारों वाला माना, जबकि अन्य ने उन्हें परंपरागत मूल्यों के लिए खतरा समझा।
धार्मिक विचारों पर विवाद-
नोएडा में हुई घटना से पहले भी, अभय सिंह कई बार अपने धार्मिक विचारों के कारण विवादों में रहे थे। उनके कुछ वीडियोज़ में, उन्होंने कुछ पारंपरिक प्रथाओं पर सवाल उठाए थे, जिससे कई लोगों की भावनाएं आहत हुईं थीं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने कहा था, "धर्म का मूल सिद्धांत प्रेम और करुणा है, न कि अंधविश्वास और कर्मकांड।" इस तरह के बयानों ने कुछ धार्मिक समूहों के बीच नाराजगी पैदा की थी।
खेल और राष्ट्रवाद पर टिप्पणी-
भारत-पाकिस्तान मैच पर उनकी टिप्पणी ने इस विवाद को और बढ़ा दिया। क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनात्मक कनेक्शन है, खासकर जब मुकाबला पाकिस्तान से हो। ऐसे में, किसी का यह कहना कि "भारत हार जाएगा" कई लोगों के लिए देशद्रोह की सीमा पर माना जा सकता है। अभय सिंह ने बाद में स्पष्टीकरण दिया कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था, बल्कि वे केवल अपना विश्लेषण साझा कर रहे थे। लेकिन सोशल मीडिया के युग में, कभी-कभी संदर्भ खो जाता है और केवल विवादास्पद बयान ही वायरल होते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा चिंताएं-
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। एक आधिकारिक बयान में, उन्होंने कहा, "हम सभी पक्षों से बात कर रहे हैं और जांच कर रहे हैं। किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" इस बीच, अभय सिंह ने अपनी सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मैं सिर्फ अपने विचार व्यक्त कर रहा था। किसी को भी धमकाने या डराने का अधिकार नहीं है।"
क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है?
इस घटना ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसकी सीमाओं पर बहस छेड़ दी है। कई लोगों का मानना है कि हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, भले ही वे लोकप्रिय राय से अलग हों। दूसरी ओर, कुछ का तर्क है कि धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें- Pune Bus Rape Case: आरोपी जमानत पर था बाहर, पुलिस ने की 1 लाख रुपये इनाम की घोषणा, जानें पूरा मामला
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि आप किसी के धर्म या देश का अपमान कर सकते हैं।" दूसरे ने जवाब दिया, "विचारों से सहमत न होना एक बात है, लेकिन हिंसा कभी भी जवाब नहीं हो सकती।" अभय सिंह के लिए और पूरे सोशल मीडिया समुदाय के लिए, यह घटना एक सबक है। इंटरनेट पर प्रसिद्धि के साथ जिम्मेदारी भी आती है। विचारों को व्यक्त करते समय संवेदनशीलता और संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। महा कुंभ जैसे पवित्र आयोजनों के दौरान, सोशल मीडिया का उपयोग सकारात्मक संदेश फैलाने और लोगों को एकजुट करने के लिए किया जा सकता है, न कि विभाजन पैदा करने के लिए।
ये भी पढ़ें- इडली-सांभर की वजह से नहीं आ रहे International Tourists? इस राज्य के विधायक ने किया दावा