Gurugram Metro Route: गुरुग्राम के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जिससे शहर के अधिक क्षेत्रों को कनेक्टिविटी मिलेगी। इस परियोजना के तहत 28.5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर कुल 27 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जो शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेंगे।
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओल्ड दिल्ली रोड पर मेट्रो रूट में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। पहले के प्लान में सुशील ऐमा रोड से निकलने के बाद मेट्रो को सेक्टर 18 और 19 को विभाजित करने वाली सड़क से होकर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन तक जाना था।
Gurugram Metro Route नए रूट की विशेषताएं-
नए प्रस्तावित रूट के अनुसार, ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो को दिल्ली रोड पर हनुमान चौक तक लाया जाएगा। इसके बाद यह मार्ग सेक्टर 19 और 20 को विभाजित करने वाली सड़क से होकर गुजरेगा। अंत में, यह शंकर चौक के पास स्थित साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन से जुड़ जाएगा।
"इस रूट परिवर्तन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गांव डूंडाहेड़ा और सेक्टर-21 जैसे अब तक कनेक्टिविटी से वंचित क्षेत्र भी मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे," अधिकारी ने आगे बताया। इस बदलाव के तहत उद्योग विहार के फेज चार और फेज पांच में स्थित दो मेट्रो स्टेशनों की लोकेशन में भी परिवर्तन किया जाएगा।
Gurugram Metro Route तीन चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट-
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को तीन चरणों में पूरा करने की योजना बनाई है। पहले चरण के अंतर्गत मिलेनियम सिटी सेंटर से लेकर नौ सेक्टर तक के निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। इस हिस्से के लिए ईआरटी (Electrical Resistivity Tomography) और जीपीआर (Ground Penetrating Radar) सर्वे भी शुरू कर दिया गया है।
"पहले चरण में 14 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा," जीएमआरएल के एक प्रवक्ता ने बताया। "इन स्टेशनों के लिए तकनीकी सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है। इससे हमें भूमिगत संरचनाओं और मिट्टी की परतों का सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी, जिससे निर्माण कार्य में आने वाली चुनौतियों का पहले से अनुमान लगाया जा सके।"
Gurugram Metro Route लोगों को मिलेगी राहत-
गुरुग्राम में बढ़ते ट्रैफिक जाम और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की समस्याओं से जूझ रहे निवासियों के लिए यह मेट्रो प्रोजेक्ट काफी राहतदायक साबित होगा। खासकर ओल्ड गुरुग्राम के निवासियों को, जो अब तक आधुनिक परिवहन सुविधाओं से वंचित थे, उन्हें सीधा लाभ मिलेगा।
"मैं पिछले 10 सालों से डूंडाहेड़ा में रह रहा हूं और हर रोज ऑफिस जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। मेट्रो स्टेशन के यहां आने से हमारा दैनिक कम्यूट काफी आसान हो जाएगा," स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने बताए।
सेक्टर-21 की रहने वाली नीतू गुप्ता ने कहा, "मेट्रो कनेक्टिविटी न होने के कारण हमें अक्सर महंगे कैब या ऑटो का सहारा लेना पड़ता है। नए रूट से हमारा परिवहन खर्च काफी कम हो जाएगा, साथ ही समय की भी बचत होगी।"
निर्माण कार्य की चुनौतियां-
इतने बड़े प्रोजेक्ट में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। पुराने गुरुग्राम के संकरे रास्ते, अनियमित निर्माण और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मेट्रो लाइन बिछाना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है।
जीएमडीए के एक इंजीनियर ने बताया, "हम सभी चुनौतियों के लिए तैयार हैं। विशेष तकनीकों का उपयोग करके न्यूनतम व्यवधान के साथ निर्माण कार्य को पूरा करेंगे। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुविधा और सुरक्षा है।"
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अगले कदम-
जीएमआरएल ने बताया, कि पहले चरण के निर्माण कार्य के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसके अनुमोदन के बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू किया जाएगा। अनुमान है कि पहले चरण का काम अगले 3-4 सालों में पूरा हो सकेगा।
"हमारा लक्ष्य है कि इस मेट्रो परियोजना से गुरुग्राम के हर कोने तक आधुनिक और सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था पहुंचे। इससे न केवल लोगों का दैनिक जीवन आसान होगा, बल्कि शहर की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा," जीएमआरएल के चेयरमैन ने कहा।
गुरुग्राम वासियों को उम्मीद है कि इस परियोजना के पूरा होने से शहर में यातायात की स्थिति में सुधार आएगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि मेट्रो कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
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