Supreme Court: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल बात यह है कि जब से ईडी ने उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है, तभी से अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की जा रही थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और मूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ ने कहा कि दिल्ली के यह उपराज्यपाल पर निर्भर करता है, कि अगर वह चाहे तो कार्यवाही करें।
Supreme Court ने कहा औचित्य का मामला-
अदालत का कहना है कि यह औचित्य का मामला है, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार ही नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और मूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तो हमने उनसे भी यही सवाल किया था, आखिरकार यह औचित्य का मामला है।
Supreme Court dismisses a plea seeking Arvind Kejriwal's removal as the Chief Minister of Delhi because of his arrest by the Enforcement Directorate in the Delhi excise policy case. pic.twitter.com/0fqhXyznZj
— ANI (@ANI) May 13, 2024
Supreme Court कानूनी अधिकार नहीं-
इसमें किसी अन्य के पास कानूनी अधिकार नहीं है, शीर्ष अदालत ने याचिका कर्ता कांत भाटी के अनुरोध पर विचार कर रही थी, जो 10 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दे रहे थे। जिसने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित तौर पर शराब घौटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
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इस्तीफे की मांग-
कुछ लोगों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके इस्तीफे की मांग लगातार बढ़ गई। उनके इस्तीफे की मांग के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया था। लेकिन कोर्ट ने उस समय भी इस बात पर विचार करने से मना कर दिया, क्योंकि कोर्ट का कहना था कि यह उनका खुद का फैसला होगा, अगर वह खुद इस पद से इस्तीफा देना चाहते हैं. तो दे सकते हैं।
लेकिन उसके लिए उन्हें कोई भी मजबूर नहीं कर सकता और ना ही इसमें कोर्ट किसी तरह की मदद कर सकता है। क्योंकि ऐसा कोई कानून ही नहीं है कि किसी की गिरफ्तारी पर उसे सीएम पद से हटा दिया जाए, यह उनका खुद का फैसला है। ध्यान देने वाली बात यह है कि 10 मी को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीलाव को 1 जून तक के लिए ज़मानत दी है। जिसके चलते आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी खुशी देखी जा रही थी। क्योंकि पार्टी का नेतृत्व करने वाले उनके लीडर उनके पास आ गए हैं।
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