Delhi Blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर 1 के पास सोमवार रात एक भीषण धमाका हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया। शुरुआत में यह माना जा रहा था, कि धमाका एक इको वैन में हुआ था, लेकिन बाद में जांच में पता चला, कि असल में विस्फोट एक i20 कार में हुआ, जिसमें कुछ लोग सवार थे। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए और पास खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
किस डिवाइस से किया गया धमाका?
ज़ी न्यूज़ के मुताबिक, इंसेनिटरी डिवाइज़ के इस्तेमाल से यह धमाका किया गया है। ये एक केमिकल से भरा डिवाइज़ होता है, जिसका इस्तेमाल धमाके में किया जाता है। जब इससे धमाका होता है तो आग फैल जाते हैं। धमाके की आवाज इतनी तेज थी, कि आसपास की इमारतों और गाड़ियों के शीशे चकनाचूर हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, कि मौके पर माहौल बेहद डरावना हो गया था। धमाके की चपेट में पास खड़ी एक स्कूटी और एक ऑटो रिक्शा भी आ गए, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई।
Those who terrorized Delhi's "Red
— श्रवण बिश्नोई (किसान/ Hindus) (@SKBishnoi29Rule) November 10, 2025
Fort" will not be spared, no matter
who is behind it.
Wherever they are, they will not be spared.#RedFort pic.twitter.com/kmYpANS1WZ
जांच में सामने आई चौंकाने वाली बातें-
न्यूज़18 की मानें तो, यह ब्लास्ट कार के पीछे के हिस्से में हुआ था। हालांकि इस धमाके की कुछ खास बातें, जांच अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं। पहली बात तो, यह कि ब्लास्ट के बाद मौके पर कोई गड्ढा नहीं बना, जो आमतौर पर बम धमाके में देखने को मिलता है। दूसरी अहम बात यह है, कि किसी भी घायल व्यक्ति के शरीर में कीलें या तार नहीं चुभे हैं, जो सामान्यतः बम ब्लास्ट में देखा जाता है।
इससे भी अधिक दिलचस्प यह है, कि जो लोग इस हादसे में घायल हुए हैं, उनके चेहरे या शरीर काले नहीं पड़े हैं, जो आग की वजह से होना चाहिए था। यहां तक कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनके शरीर भी काले नहीं पड़े हैं। ये सभी बातें इस धमाके को और भी रहस्यमय बना रही हैं और जांच एजेंसियां इसकी असली वजह जानने में जुटी हुई हैं।
स्पेशल सेल और फोरेंसिक टीम की जांच-
स्पेशल सेल की टीम फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर मौके पर गहन जांच कर रही है। टीम उस गाड़ी के टूटे-फूटे पुर्जों से गाड़ी का नंबर तलाशने में जुटी है ताकि कार के मालिक और उसमें सवार लोगों की पहचान की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है, कि अगर यह सिर्फ बैटरी का ब्लास्ट होता, तो इसका असर इतना व्यापक नहीं होता। इसलिए जांच टीम अब अन्य संभावनाओं पर भी गौर कर रही है, जैसे कि किसी विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थ की मौजूदगी।
धमाका इतना जोरदार था, कि यह एक कार से शुरू होकर तीन से चार वाहनों तक फैल गया। इसे हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट करार दिया जा रहा है। फोरेंसिक टीम घटनास्थल से विभिन्न सैंपल इकट्ठा कर रही है और हर छोटी से छोटी डिटेल को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
तुरंत पहुंची इमरजेंसी सर्विसेज-
सोमवार देर रात दमकल विभाग और पुलिस को इस हादसे की सूचना मिली। सूचना मिलते ही फायर टेंडर, एंबुलेंस और सीनियर पुलिस अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। घायलों को तत्काल LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
डॉक्टरों की टीम घायलों का इलाज करने में जुटी हुई है और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। पुलिस ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है ताकि जांच प्रभावित न हो और किसी तरह के सबूत नष्ट न हों।
CCTV फुटेज खंगालने में जुटी पुलिस-
पुलिस और जांच एजेंसियां अब आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही हैं। इस फुटेज से धमाके से ठीक पहले की गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है, कि कार में कौन लोग सवार थे, वे कहां से आए थे और धमाके से पहले क्या हुआ था।
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जांच अधिकारियों का कहना है, कि अगले कुछ दिनों में इस केस की कई परतें खुल सकती हैं। फिलहाल यह साफ नहीं है, कि यह एक दुर्घटना थी या किसी साजिश का हिस्सा। लेकिन एक बात तय है, कि दिल्ली पुलिस और स्पेशल सेल इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और जल्द से जल्द सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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