Delhi Air Pollution
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    Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा में जहर घोलने वालों की लिस्ट में अगर कोई टॉप पर है, तो वह है, एक पुरानी Hero Passion Pro। जी हां, 2016 मॉडल की यह बाइक अपने नाम 47 पेंडिंग PUC चालान लेकर घूम रही है और इसका एमिशन सर्टिफिकेट कब का एक्सपायर हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर प्रदूषण के नियम तोड़ने की कोई लीडरबोर्ड होती, तो यह बाइक नंबर वन पर होती।

    हम अक्सर सोचते हैं, कि कारें या बड़ी गाड़ियां ही सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहती है। दिल्ली में प्रदूषण नियमों को सबसे ज्यादा ठेंगा दिखाने वाली गाड़ियों में टॉप पांच जगह दो-पहिया वाहनों ने ही हासिल की है। इसमें बाइक्स और स्कूटर्स शामिल हैं, जो बिना किसी परवाह के शहर की सड़कों पर धुंआ उगल रही हैं।

    टॉप पांच में सभी दो-पहिया वाहन-

    TOI की रिपोर्ट की मानें, तो पहले नंबर वाली Passion Pro के ठीक पीछे 2018 मॉडल की एक और Hero Passion Pro है, जिसके नाम 38 पेंडिंग चालान हैं। वहीं, 2022 की Hero Splendor भी इसी लिस्ट में बराबरी पर खड़ी है। यह कोई संयोग नहीं बल्कि बार-बार किए जाने वाले उल्लंघन हैं, जो दिखाते हैं कि लोग जानबूझकर कानून को अनदेखा कर रहे हैं।

    चौथे नंबर पर 2018 की TVS Jupiter स्कूटर है जिसके 37 चालान बकाया हैं। पांचवें स्थान पर 2021 की Yamaha Ray ZR Street Rally है, जिसके मालिक ने कभी PUC सर्टिफिकेट बनवाया ही नहीं। यह गुम या भूल गया नहीं था, बल्कि शुरू से ही नहीं बनवाया गया।

    कानून क्या कहता है-

    मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 की धारा 190(2) के तहत सार्वजनिक सड़क पर चलने वाली हर गाड़ी को एमिशन मानकों को पूरा करना होता है और अधिकृत केंद्र से जारी वैध PUC सर्टिफिकेट रखना जरूरी है। नई गाड़ियों को रजिस्ट्रेशन के एक साल बाद PUC लेना होता है, जबकि पुरानी गाड़ियों को हर छह महीने में इसे रिन्यू करवाना पड़ता है।

    सजा भी कम नहीं है। पहले 2,000 रुपये तक का जुर्माना था, लेकिन 2019 के संशोधन के बाद नियम और कड़े हो गए हैं। अब बिना वैध PUC के गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना, तीन महीने की जेल और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द हो सकता है। दोबारा उल्लंघन करने पर जुर्माना 20,000 रुपये तक बढ़ सकता है।

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    चौंकाने वाले आंकड़े-

    Graded Response Action Plan (GRAP) 14 अक्टूबर को लागू हुआ था। नवंबर के अंत तक अधिकारियों ने 1.05 लाख से ज्यादा PUCC चालान काटे, यानी रोजाना 2,300 से ज्यादा। इनमें से 82,774 चालान बाइक्स और स्कूटर्स को काटे गए, जो कुल उल्लंघन का लगभग 78% है। सीधे शब्दों में कहें तो हर पांच PUC अपराधियों में से चार दो-पहिया वाहन चालक हैं।

    ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सत्यवीर कटारा का कहना है, कि बार-बार नियम तोड़ना लापरवाही नहीं बल्कि जानबूझकर किया जाने वाला काम है। उन्होंने कहा, कि 10 से ज्यादा पेंडिंग चालान वाले मामले कानून की खुली अवहेलना दिखाते हैं और ऐसे केस कोर्ट भेजे जाते हैं। लेकिन सवाल यह है, कि क्या सिर्फ चालान काटने से दिल्ली की सांसें साफ हो पाएंगी?

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    By sumit

    मेरा नाम सुमित है और मैं एक प्रोफेशनल राइटर और जर्नलिस्ट हूँ, जिसे लिखने का पाँच साल से ज़्यादा का अनुभव है। मैं टेक्नोलॉजी और लाइफस्टाइल टॉपिक के साथ-साथ रिसर्च पर आधारित ताज़ा खबरें भी कवर करता हूँ। मेरा मकसद पढ़ने वालों को सही और सटीक जानकारी देना है।