Delhi Pollution: दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बढ़ते हुए प्रदूषण के बीच सभी जिलों में बड़े पैमाने पर पराली जलने पर रोक लगाने के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है की फसल अवशेष जलाने पर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनिवार्य कार्यवाही की जाएगी। दिल्ली में बुधवार को AQI 401 तक पहुंच गया। दिल्ली समेत उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट नीति की प्रतिक्रिया दी है और पंजाब सरकार को पराली जलाने के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। हालांकि इन कार्यवाहियों ने पंजाब के किसानों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। जानकारी के मुताबिक पराली जलाने पर दंडात्मक कार्यवाही से नाखुश पंजाब के कई किसानों ने 20 नवंबर को राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
पराली जलाना तत्काल बंद-
शीर्ष अदालत ने 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों से सुनिश्चित करने को कहा था, की फसल अवशेष यानी पराली जलाना तत्काल बंद कर दिया जाए। यह कहते हुए कि वह प्रदूषण के कारण लोगों को मरने नहीं दे सकती। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव ने पराली जलाने के खिलाफ कार्यवाही की निगरानी के लिए डीजीपी अरविंद शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
जागरूक करने के निर्देश-
अरविंद शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस सदस्यों, नागरिकों, विभिन्न हितकारों और किसानों को फसल अवशेष जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने होशियारपुर और एसबीएस नगर में सभी राजपत्रित रैंक के अधिकारियों की बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने किसानों से भी पराली ना जलाने का आग्रह किया है, जो कि राज्य में गंभीर वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
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आग लगाने के कुल मामले-
पंजाब में 15 नवंबर तक 2 महीने में खेत में आग लगाने के कुल मामले 30,000 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। राज्य में बुधवार को खेतों में आग लगाने की 2,544 ताजा घटनाएं सामने आई थी। बड़े पैमाने पर खेत में लगी आग के बीच दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर होती जा रही है और हरियाणा में यह बहुत ज्यादा खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है। पंजाब में 2021 और 2022 की सभी में क्रमशः 67,020 और 45,464 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थी। पिछले कुछ दिनों में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है।
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