Delhi Pollution Control
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    Delhi Pollution Control: राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के सभी बॉर्डर पर जल्द ही ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों का मुख्य उद्देश्य दूसरे राज्यों से आने वाले पुराने वाहनों की पहचान करना और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोकना है।

    Delhi Pollution Control नई तकनीक से प्रदूषण पर लगेगा अंकुश-

    दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में आयोजित एक हाई लेवल मीटिंग में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक में पर्यावरण विभाग, परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंत्री सिरसा ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य प्रदूषण को हर संभव स्तर पर रोकना है।

    "हम प्रदूषण को कम करने के लिए एक ऐसा ऐक्शन प्लान तैयार कर रहे हैं, जो न सिर्फ तकनीकी रूप से सक्षम हो बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हो," सिरसा ने बताया। उन्होंने आगे कहा, "इससे दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।"

    Delhi Pollution Control पुराने वाहनों पर है पाबंदी-

    दिल्ली में पहले से ही 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी है। लेकिन अभी तक दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे वाहनों की पहचान करना मुश्किल था। अब सरकार दिल्ली की सभी 126 सीमाओं पर ANPR कैमरे लगाकर इस समस्या का समाधान करेगी।

    "हमारा मकसद लोगों से जुर्माना वसूलना नहीं है, बल्कि उन्हें जागरूक करना है कि वे अपने वाहन दिल्ली में ला सकते हैं या नहीं," सिरसा ने स्पष्ट किया।

    Delhi Pollution Control कैसे काम करेगी नई तकनीक?

    दिल्ली के बॉर्डर पर लगाए जाने वाले ANPR कैमरे अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे। ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करके उसे वाहन डेटाबेस में चेक करेंगे। अगर कोई वाहन उम्र पूरी कर चुके वाहनों की श्रेणी में आता है, तो उसे दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जाएगा।

    प्रत्येक बॉर्डर पर कैमरे के साथ एक LED स्क्रीन भी लगाई जाएगी। इस स्क्रीन पर पुराने वाहनों की जानकारी लगातार फ्लैश होती रहेगी। इससे वाहन चालक को दिल्ली में प्रवेश करने से पहले ही पता चल जाएगा कि उनका वाहन नियमों के अनुसार है या नहीं।

    डिजिटल अलर्ट सिस्टम-

    नई व्यवस्था के तहत, अगर कोई पुराना वाहन दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो उसका नंबर LED स्क्रीन पर "रॉन्ग एंट्री" के रूप में प्रदर्शित होगा। साथ ही, वाहन मालिक को वाहन डेटाबेस में मौजूद मोबाइल नंबर पर SMS और WhatsApp मैसेज के जरिए अलर्ट भी भेजा जाएगा।

    सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह हर महीने ऐसे वाहनों की रिपोर्ट संबंधित राज्यों को भी भेजेगी। इससे अन्य राज्य अपने यहां के वाहन मालिकों को मैसेज और WhatsApp के माध्यम से जानकारी भेज सकेंगे।

    जागरूकता पर भी होगा फोकस-

    मंत्री सिरसा ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ नियमों का पालन करवाना नहीं, बल्कि वाहन चालकों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को जागरूक करना भी है।

    "यह केवल सरकारी पहल नहीं है, बल्कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा का महत्वपूर्ण विषय है," उन्होंने कहा। मीटिंग में दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए अन्य कदमों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

    आम लोगों पर क्या होगा असर?

    इस नई पहल से दिल्ली में आने वाले वाहन चालकों को अपने वाहनों के बारे में पहले से सतर्क रहना होगा। विशेष रूप से, अगर उनके वाहन 10 साल (डीजल) या 15 साल (पेट्रोल) से पुराने हैं, तो उन्हें दिल्ली में प्रवेश से बचना होगा।

    सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि ट्रैफिक मैनेजमेंट भी बेहतर होगा। साथ ही, पुराने वाहनों की संख्या कम होने से दिल्ली की सड़कों पर भीड़ भी कम होगी।

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    तकनीक और पर्यावरण का सामंजस्य-

    दिल्ली सरकार का यह कदम तकनीक और पर्यावरण संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। ANPR कैमरों की मदद से, सरकार न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि डेटा के आधार पर भविष्य की नीतियां भी तैयार कर सकेगी।

    इस पहल से उम्मीद है कि दिल्ली के AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में सुधार आएगा और शहरवासियों को साँस लेने में आसानी होगी, विशेषकर सर्दियों के महीनों में जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है।

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