Delhi Police Constable Incident: राजधानी दिल्ली से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। उत्तरी दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल इलाके में पुलिस से बचने के प्रयास में एक व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल को न सिर्फ टक्कर मारी, बल्कि उन्हें अपनी कार के बोनट पर लटकाकर करीब 7 किलोमीटर तक घसीटता रहा। इस खतरनाक घटना में पुलिस अधिकारी बाल-बाल बचे जबकि आरोपी को दिल्ली से भागने के बाद कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है।
Delhi Police Constable Incident घटना का विवरण-
यह दिल चौंका देने वाली घटना 22 अप्रैल को सुबह लगभग 6:28 बजे हुई। पीसीआर आउटर नॉर्थ जोन में तैनात हेड कांस्टेबल प्रवीण और एएसआई नवीन ड्यूटी पर थे। उन्होंने भलस्वा लैंडफिल के पास जीटीके बाईपास पर एक संदिग्ध सफेद कार को रुकने का इशारा किया। पुलिस अधिकारियों को शक था कि इस वाहन का उपयोग अवैध शराब की तस्करी के लिए किया जा रहा है।
जब पुलिसकर्मियों ने कार के चालक को बाहर आने के लिए कहा, तो उसने गाड़ी को भगा देने की कोशिश की। चालक के इरादे को भांपते हुए हेड कांस्टेबल प्रवीण ने गाड़ी को रोकने के लिए उसके सामने खुद को खड़ा कर दिया। लेकिन चालक ने न केवल रुकने से इनकार किया, बल्कि पुलिसकर्मी को टक्कर मारते हुए गाड़ी तेज कर दी।
Delhi Police Constable Incident बोनट पर लटके रहे कांस्टेबल-
टक्कर के प्रभाव से हेड कांस्टेबल प्रवीण कार के बोनट पर गिर गए। इस खतरनाक स्थिति के बावजूद, आरोपी ने गाड़ी रोकी नहीं और आजादपुर की तरफ तेजी से भागता रहा। इस दौरान प्रवीण लगातार बोनट को पकड़े रहे। उनकी जान की परवाह किए बिना आरोपी कर्मवीर लगातार गाड़ी दौड़ाता रहा।
पुलिस के अनुसार, जब कार आजादपुर मंडी के पास पहुंची और थोड़ी धीमी हुई, तभी हेड कांस्टेबल प्रवीण ने साहस दिखाते हुए कार से छलांग लगा दी और खुद को बचाया। इस दौरान उनका मोबाइल फोन कार के बोनट और विंडशील्ड के बीच फंस गया था, जिसे वह निकाल नहीं पाए।
चोटें आईं, अस्पताल में इलाज-
कार से कूदने के बाद हेड कांस्टेबल प्रवीण की उंगलियों और बाएं टखने में गंभीर चोटें आईं। घायल अवस्था में, उन्होंने एक राहगीर का फोन लेकर पीसीआर को घटना की सूचना दी। तुरंत मदद पहुंची और उन्हें इलाज के लिए बीजेआरएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस अधिकारी के बयान के आधार पर भलस्वा डेयरी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
आरोपी की गिरफ्तारी-
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी का पता लगाने के लिए कई टीमें गठित कीं। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी कर्मवीर दिल्ली से भागकर कोलकाता जाने वाली ट्रेन में सवार हो गया था। एक विशेष पुलिस टीम तुरंत कोलकाता भेजी गई।
कोलकाता पहुंचने पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आरोपी कर्मवीर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को विस्तृत पूछताछ के लिए दिल्ली वापस लाया जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया-
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी कर्मवीर पर किसी पुलिस अधिकारी पर हमला करने, जान से मारने की कोशिश करने और पुलिस कार्य में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अब जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी अवैध शराब की तस्करी में शामिल था या नहीं, और क्या उसके खिलाफ पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह अत्यंत गंभीर मामला है। किसी भी पुलिस अधिकारी पर हमला करना कानून के प्रति अपमान दर्शाता है। हम ऐसी घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और दोषी को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
ये भी पढ़ें- पहलगाम में सैनिक क्यों नहीं थे? विपक्ष के इस तीखे सवाल पर केंद्र ने दिया ये जवाब!
समाज पर प्रभाव-
इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज में एक डर का माहौल भी पैदा करती हैं। भलस्वा क्षेत्र के एक स्थानीय निवासी राजेश ने कहा, "हम अपने इलाके में अक्सर अवैध गतिविधियों की खबर सुनते हैं, लेकिन एक पुलिस अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार हमें डराता है। अगर पुलिस सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं?"
पुलिस विभाग ने इस घटना के बाद, विशेष रूप से उत्तरी दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है। साथ ही, अवैध गतिविधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की भी योजना बनाई गई है।
हेड कांस्टेबल प्रवीण की बहादुरी की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। उनके साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण ने न केवल एक अपराधी को पकड़ने में मदद की, बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित किया है।
ये भी पढ़ें- बाहर की इन गाड़ियों को अब दिल्ली में नहीं मिलेगी एंट्री,नज़र रखने के लिए लगाए जाएंगे ANPR कैमरे