Delhi Private School: दिल्ली के अभिभावकों के लिए अब राहत की खबर आ रही है। दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय (DoE) ने गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा अवैध तरीके से की जा रही, फीस वृद्धि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें स्कूलों की मान्यता रद्द करने और स्कूल प्रबंधन को अपने अधीन लेने जैसे कदम शामिल हैं।
यह घोषणा उस समय आई है जब सैकड़ों अभिभावक DoE कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और हाल ही में हुई फीस वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे थे। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "पिछले सात दिनों में ही, दिल्ली सरकार ने 600 स्कूलों से विवरण और डेटा एकत्र किया है और पहले ही 10 स्कूलों को नोटिस भेज दिया है। एकत्रित डेटा और ऑडिट रिपोर्ट हमें अगले साल भी रिकॉर्ड की तुलना करने में मदद करेंगे।"
Delhi Private School अभिभावकों का हंगामा "हम ATM नहीं हैं"-
अभिभावकों और छात्रों की बढ़ती शिकायतों के जवाब में, सरकार ने उन स्कूलों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू की है जिन पर मनमानी और अत्यधिक फीस वृद्धि लगाने का आरोप है। इन फीस वृद्धियों ने परिवारों पर भारी बोझ डाला है और अक्सर नियामक मानदंडों का उल्लंघन किया है। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थामी हुई थीं जिन पर लिखा था "फीस वृद्धि बंद करो, अभिभावक ATM नहीं हैं" और "शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है"। वे अनियमित और अचानक फीस वृद्धि का आरोप लगा रहे थे। अभिभावकों ने बताया कि DoE अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
Why these parents can't put this much efforts in asking Delhi govt to turn govt schools into as good as other private schools?
— Roasted and Posted (@AlkaJacob1) April 16, 2025
Why ask private schools 2 reduce fees.
Ask Govt of India & Delhi govt or LG to improve on govt school's standards. Expensive schools r
parents choice. https://t.co/87PBmV60MI
श्रीजन स्कूल के कक्षा 8 के छात्र के पिता नितिन गुप्ता ने बताया कि स्कूल ने पिछले साल 30% और इस साल बिना किसी परामर्श के अतिरिक्त 15% की वृद्धि लागू की है। उन्होंने कहा, "उन्होंने अभिभावकों को गुमराह किया है और छात्रों को परेशान किया है।" एक अन्य अभिभावक गौरव गुप्ता ने आरोप लगाया कि स्कूल ने पहले आपत्ति जताने वालों को कानूनी धमकी दी थी। उन्होंने कहा, "हम कार्रवाई चाहते हैं, सिर्फ और अधिक नोटिस नहीं।" महाराजा अग्रसेन स्कूल, पीतमपुरा के एक अभिभावक विनीत गुप्ता ने कहा कि स्कूल जबरदस्ती वाली रणनीति अपना रहे हैं जैसे एडमिट कार्ड रोकना या अगर परिवार "अनधिकृत शुल्क" का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो छात्रों के नाम रोल से हटाने की धमकी देना।
Delhi Private School 600 स्कूलों की जांच और 20 स्कूलों पर कार्रवाई शुरू-
शिक्षा निदेशालय ने बताया कि उसने उप-मंडल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जिला-स्तरीय निरीक्षण समितियां बनाई हैं, जिनमें शिक्षा अधिकारी, लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल शामिल हैं। इन टीमों ने पहले ही 600 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया है, और शेष को जल्द ही कवर किए जाने की उम्मीद है। "बीस स्कूलों की पहचान पहले ही की जा चुकी है और DSEAR 1973 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है," DoE ने कहा।
VIDEO | Delhi CM Rekha Gupta (@gupta_rekha) on the issue of fee hike by some private schools, says, "Parents have been meeting me with their grievances... that is for sure... no school has any right to harass parents and children. They have no right to threaten children and hike… pic.twitter.com/QqGTYHrf7r
— Press Trust of India (@PTI_News) April 15, 2025
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मॉडल टाउन के क्वीन मैरी स्कूल और श्रीजन स्कूल जैसे संस्थानों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है, और अधिक जांच के अधीन हैं। "गैर-अनुपालन के दोषी पाए गए स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं और मान्यता वापस लेने और स्कूल प्रबंधन पर कब्जा करने सहित आगे की दंडात्मक उपाय केस-टू-केस आधार पर किए जा रहे हैं," बयान में कहा गया है।
निरीक्षण शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुपालन की भी जांच कर रहे हैं। स्कूलों को EWS/DG/CWSN श्रेणियों के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों को मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म और लेखन सामग्री प्रदान करना अनिवार्य है, DoE ने कहा, और जोड़ा कि कई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
निजी शिक्षा व्यावसायिक हो गई है-
कई अभिभावकों ने कहा, कि निजी शिक्षा तेजी से व्यावसायिक होती जा रही है, जिसमें कम निगरानी और मध्यम वर्ग के परिवारों पर बढ़ता वित्तीय दबाव है। शिक्षा के अधिकार के समर्थकों के अनुसार, स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाना लंबे समय से एक समस्या रही है, लेकिन महामारी के बाद यह स्थिति और बिगड़ गई है।
Parents are sitting on the road outside DOE, asking for help against Indraprastha International School, Dwarka.
— Amanpreet Singh Uppal (@iAmanUppal) April 16, 2025
But BJP’s Delhi Govt is not taking any action. Why ? Because they always protect private school owners, not the parents
CM, will you speak up or stay silent again ? pic.twitter.com/XG31zRSF8E
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आशीष कपूर, दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया, "महामारी के बाद से स्कूलों ने हर साल 20-30% तक की फीस बढ़ा दी है। ये स्कूल शिक्षा को व्यवसाय बना रहे हैं। मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना मुश्किल हो रहा है।" दिल्ली सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए अभिभावकों का कहना है, कि इससे स्कूलों पर नियंत्रण बढ़ेगा और शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। हालांकि, कई लोगों का मानना है, कि सिर्फ नोटिस जारी करना काफी नहीं है, बल्कि सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
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