Delhi-Dehradun Expressway: रविवार की आधी रात को दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां दौड़ने लगीं। गीता कॉलोनी इलाके से बैरिकेड्स हटाए गए और ट्रायल रन आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया। यह खबर उन लाखों यात्रियों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, जो दिल्ली से उत्तराखंड के बीच नियमित रूप से आवाजाही करते हैं।
तीन साल की मेहनत का नतीजा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2021 को इस एक्सप्रेसवे की नींव रखी थी। करीब 210 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट को कई चरणों में पूरा किया गया। अधिकारियों का कहना है, कि पर्यावरण की मंजूरी लेना, जमीन का अधिग्रहण करना और तकनीकी जटिलताओं से निपटना सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। लेकिन सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत ने इस सपने को हकीकत में बदल दिया।
आधुनिक डिजाइन और सुविधाएं-
दिल्ली सेक्शन में एक्सप्रेसवे एलिवेटेड स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया है। यह अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास से शुरू होता है और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। इस हाई-स्पीड रूट की खास बात यह है, कि यह राजधानी के ट्रैफिक जाम से बचने में मदद करेगा। यात्री बिना किसी रुकावट के सीधे एक्सप्रेसवे पर निकल सकेंगे।
यात्रा का समय होगा आधा-
11,800 करोड़ रुपये की लागत से बना यह एक्सप्रेसवे कम्यूटर्स के लिए गेम चेंजर साबित होगा। पहले दिल्ली से देहरादून पहुंचने में 4 से 6 घंटे लगते थे, अब यह सफर सिर्फ ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। यानी आप सुबह दिल्ली से निकलें और दोपहर से पहले देहरादून की ठंडी वादियों में पहुंच जाएं।
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जल्द होगा उद्घाटन-
ट्रायल रन शुरू होने के बाद अब आधिकारिक उद्घाटन की तैयारियां चल रही हैं। अधिकारी फाइनल टेस्टिंग और सेफ्टी इंस्पेक्शन में जुटे हैं। एक बार पूरी तरह खुल जाने के बाद यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों को राहत देगा, बल्कि उत्तराखंड टूरिज्म को भी बड़ा बूस्ट मिलेगा। पहाड़ों की यात्रा अब और भी सुविधाजनक हो जाएगी।
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