Chenab Bridge: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह ऐतिहासिक पल कश्मीर के लिए एक नया अध्याय लेकर आया है। 6 जून 2025 का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है क्योंकि इसके साथ ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल कनेक्टिविटी का सपना साकार हो गया है।
359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह इंजीनियरिंग का चमत्कार है, जो चिनाब नदी के ऊपर 1.31 किलोमीटर तक फैला हुआ है। उद्घाटन के दौरान PM मोदी ने एक खास अंदाज में तिरंगा लहराया और ब्रिज के डेक पर चलकर इसकी सुंदरता को निहारा।
Chenab Bridge 20 साल की मेहनत का फल-
एनडीटीवी के मुताबिक, 2003 में मंजूर हुई इस परियोजना को पूरा होने में दो दशक लग गए। 1,486 करोड़ रुपए की लागत से बना यह ब्रिज कई मायनों में खास है। इसकी निर्माण प्रक्रिया में हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जहां भारी मशीनरी पहुंचाना ही एक बड़ी समस्या थी। यह ब्रिज कौरी और बक्कल गांव के बीच स्थित है और चिनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है। यह एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा ऊंचा है और कुतुब मीनार से पांच गुना अधिक लंबा है।
#WATCH | J&K: Prime Minister Narendra Modi waves the Tiranga as he inaugurates Chenab bridge - the world’s highest railway arch bridge.#KashmirOnTrack
(Video: DD) pic.twitter.com/xfBnSRUQV5
— ANI (@ANI) June 6, 2025
Engineering Marvel तकनीकी विशेषताएं-
28,660 मेगा टन स्टील से बना यह ब्रिज न केवल सब-जीरो टेंप्रेचर बल्कि 40 डिग्री तक की गर्मी भी सह सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा और तेज भूकंप का सामना कर सकता है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगर इसके किसी एक स्तंभ को नुकसान हो जाए तो भी ट्रेन धीमी गति से इस पर से गुजर सकती है। दशकों की रिसर्च के बाद इस ब्रिज को इतना मजबूत बनाया गया है कि यह बुरे मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सके।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक-
यह ब्रिज 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज अंजी खाड़ भी शामिल है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इसे आजादी के बाद की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक बताया है।
वंदे भारत ट्रेन-
PM मोदी ने कात्रा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई, जो कश्मीर में टूरिज्म के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। यह ट्रेन अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और कश्मीर की सुंदर वादियों तक पहुंचने का सबसे आरामदायक साधन बनेगी।
सब-जीरो टेंप्रेचर में भी चलेगी ट्रेन-
वंदे भारत ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सब-जीरो टेंप्रेचर में भी चल सकती है। इसमें सिलिकॉन हीटिंग पैड लगे हैं जो पानी को जमने से रोकते हैं। बायो-टॉयलेट टैंक, ऑटो-ड्रेनिंग मैकेनिज्म और एंटी-स्पॉल लेयर जैसी विशेषताएं इसे जम्मू-कश्मीर के ठंडे इलाकों में सुरक्षित ऑपरेशन की सुविधा देती हैं।
खराब मौसम में भी लोको पायलट इस ट्रेन को सुरक्षित तरीके से चला सकते हैं। इसकी स्पेशल फीचर्स इसे जम्मू-कश्मीर के एक्सट्रीम कोल्ड एरिया में भी स्मूथ ऑपरेशन की सुविधा देती हैं।
कश्मीर के लिए नई शुरुआत-
यह परियोजना न केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से बल्कि कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। अब कश्मीर देश के बाकी हिस्सों से रेल के जरिए जुड़ गया है, जिससे यहां व्यापार, टूरिज्म और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। स्थानीय लोगों के लिए यह एक सपने के पूरे होने जैसा है। अब वे आसानी से देश के किसी भी कोने में रेल के जरिए जा सकेंगे। यह ब्रिज न केवल कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ता है बल्कि भारत की एकता और अखंडता का भी प्रतीक है।
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सरकार की प्राथमिकता-
PM मोदी की सरकार ने हमेशा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी है। चिनाब ब्रिज इसका एक शानदार उदाहरण है। यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि मजबूत इरादे और सही योजना के साथ कैसे असंभव लगने वाले काम भी संभव हो जाते हैं। आज का दिन कश्मीर के लिए एक नया मील का पत्थर है। चिनाब ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन के साथ कश्मीर एक नए युग में प्रवेश कर गया है, जो विकास, प्रगति और खुशहाली से भरा है।
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