Champai Soren: झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन द्वारा रविवार को किए गए दिल्ली दौरे के बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी बीच बुधवार को चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। चंपई सोरेन ने जेएमएम पार्टी के साथ काफी समय बिताया है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने तीन ऑप्शन रखे थे, पहला की वह रिटायर हो जाएं, दूसरा वह संगठन में रहें या वह एक अच्छे दोस्त रहें। लेकिन वह रिटायर नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा कि वह नई पार्टी बनाएंगे। गठबंधन की संभावनाओं के रास्ते खोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस रास्ते पर उन्हें कोई अच्छा दोस्त मिलता है तो वह उसके साथ आगे बढ़ेंगे।
Champai Soren करेंगे नई पार्टी का गठन-
जब उनसे सवाल किया गया, कि राज्य में चुनाव होने वाले हैं और उनके पास नई पार्टी को गठित करने का समय नहीं बचा है, तो इसका जवाब देते हुए चंपई सोरेन ने कहा, कि यह आपकी समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि "अगर एक ही दिन में 30 से 40 हज़ार कार्यकर्ता आ सकते हैं, तो मुझे नई पार्टी बनाने में क्या समस्या होगी।" उन्होंने कहा कि पार्टी एक सप्ताह के अंदर ही गठित हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपमान के दौर के बाद एक नया राजनीतिक दल बनाने का फैसला किया है।
सबकुछ ठीक नहीं (Champai Soren)-
उन्होंने इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले जेएमएम के नेतृत्व के साथ संकेत दिए थे, कि सबकुछ ठीक नहीं है। खास तौर पर जब पार्टी नेताओं ने उनकी जानकारी के बिना उनके सरकारी कार्यक्रमों को अचानक से रद्द कर दिया था, तो उन्होंने कहा था कि वह चुप रहे। क्योंकि उन्हें सत्ता का लालच नहीं था।
जीवन का एक नया अध्याय-
पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने विधायक दल की बैठक में घोषणा की थी, कि आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, कि मेरे पास तीन विकल्प थे। पहले राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा अलग पार्टी बनाना और तीसरा अगर कोई सहयोगी मिल जाता है, तो उसके साथ काम करना। उन दिनों से लेकर आज तक और आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव तक इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।
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हेमंत सोरेन-
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा ज़मीन डीलिंग मामले में गिरफ्तार करने के बाद पार्टी ने उनकी जगह पर चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था। जिससे सीएम की कुर्सी को सुरक्षित रखा जा सके। हालांकि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई सबूत ना मिलने की वजह से अदालत ने उन्हें कुछ समय पहले ही बरी कर दिया था। जिसके बाद चंपई सोरेन को पद से हटाकर वापस हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद विराजमान हो गए। जो चंपई सोरेन को बेरुखी लगी और साथ ही उनके कुछ सरकारी कार्यक्रमों को भी रोक दिया गया। जिससे चंपई सोरेन पार्टी से नाराज़ हो गए।
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