Bengaluru Airport Accident: बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। एक थर्ड-पार्टी ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी की मिनी बस एयरपोर्ट के टारमैक पर खड़े इंडिगो विमान से टकरा गई। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
अधिकारियों के मुताबिक यह घटना दोपहर करीब 12:15 बजे हुई, जब मिनी बस ने टारमैक पर खड़े गैर-परिचालन वाले विमान के अंडरकैरिज से टक्कर मार दी। इस घटना के बाद एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया और सुरक्षा कर्मी तुरंत मौके पर पहुंच गए।
Bengaluru Airport Accident एयरपोर्ट प्रशासन की प्रतिक्रिया-
एयरपोर्ट के एक प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "18 अप्रैल, 2025 को लगभग दोपहर 12:15 बजे, एक थर्ड-पार्टी ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी द्वारा संचालित एक वाहन ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बेंगलुरु पर गैर-परिचालन वाले 'एयरक्राफ्ट ऑन-ग्राउंड' के अंडरकैरिज से संपर्क किया। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।"
उन्होंने आगे बताया कि घटना के तुरंत बाद सभी मानक प्रोटोकॉल का पालन किया गया। एयरपोर्ट प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा टीम को अलर्ट किया और जांच शुरू कर दी। एयरपोर्ट के अन्य परिचालन पर इस घटना का कोई प्रभाव नहीं पड़ा और सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हुईं।
Bengaluru Airport Accident इंडिगो का बयान-
इंडिगो एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि वह इस घटना से अवगत है और एक आंतरिक जांच चल रही है। "हम बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एक पार्क किए गए इंडिगो विमान और एक थर्ड-पार्टी ग्राउंड वाहन से जुड़ी ग्राउंड घटना से अवगत हैं। जांच चल रही है और आवश्यकतानुसार सभी आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी," एयरलाइन ने कहा।
इंडिगो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विमान पिछले कुछ दिनों से मेंटेनेंस के लिए टारमैक पर खड़ा था और इसमें कोई यात्री या क्रू मेंबर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, "हम भाग्यशाली हैं कि यह घटना तब हुई जब विमान में कोई नहीं था। हमारी तकनीकी टीम विमान के नुकसान का आकलन कर रही है और उसके बाद ही कोई बयान जारी किया जाएगा।"
सुरक्षा प्रोटोकॉल और जांच-
एयरपोर्ट के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों के लिए कड़े सुरक्षा नियम हैं और हर वाहन चालक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। "ग्राउंड हैंडलिंग वाहनों के लिए टारमैक पर एक निर्धारित गति सीमा होती है और वाहन चालकों को विमानों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए जाते हैं। इस घटना में चालक ने शायद सावधानी नहीं बरती, जिसकी जांच की जा रही है," उन्होंने कहा।
विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अजय शर्मा के अनुसार, "एयरपोर्ट पर इस तरह की घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन जब भी होती हैं, इन्हें गंभीरता से लिया जाता है। ग्राउंड हैंडलिंग वाहनों की टक्कर से विमान के महत्वपूर्ण हिस्से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसलिए, इस तरह की घटनाओं के बाद विमान का पूरी तरह से तकनीकी निरीक्षण किया जाता है।"
ग्राउंड हैंडलिंग संचालन और चुनौतियां-
भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं अक्सर थर्ड-पार्टी एजेंसियों द्वारा प्रदान की जाती हैं। इन एजेंसियों के कर्मचारी विमानों के लोडिंग-अनलोडिंग, सफाई, केटरिंग और अन्य जमीनी सेवाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। एयरपोर्ट पर काम करने वाले इन कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके वाहनों को विशेष रूप से एयरपोर्ट परिचालन के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
विमानन उद्योग विशेषज्ञ राहुल मिश्रा के अनुसार, "भारत में एयरपोर्ट ट्रैफिक बढ़ने के साथ, ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं पर दबाव भी बढ़ रहा है। कई बार कम समय में अधिक काम करने के दबाव में, सुरक्षा मानकों से समझौता किया जा सकता है। एयरलाइंस और एयरपोर्ट प्रशासन को ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों की नियमित निगरानी करनी चाहिए और कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देना चाहिए।"
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पिछली घटनाएं और सुरक्षा सुधार-
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग वाहन और विमान के बीच टक्कर हुई हो। पिछले साल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी इसी तरह की एक घटना हुई थी, जिसमें एक कैटरिंग वैन विमान से टकरा गई थी। उस घटना के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरपोर्ट्स और एयरलाइंस को ग्राउंड हैंडलिंग प्रक्रियाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली एयरपोर्ट के पूर्व महाप्रबंधक सुरेश कुमार ने कहा, "एयरपोर्ट पर सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर, हमें अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करना चाहिए और नए तकनीकी समाधानों पर विचार करना चाहिए। कई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर, ग्राउंड वाहनों के लिए अत्याधुनिक सेंसर और कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जो ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।"
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