Illegal Migrant Indian: अमेरिका जाने की चाह में एक और भारतीय युवक की जिंदगी दांव पर लग गई। पंजाब के 38 वर्षीय मनदीप सिंह की कहानी उन हजारों भारतीयों की दास्तान बयां करती है, जो बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रास्तों से विदेश जाने का जोखिम उठाते हैं। मनदीप उन 116 भारतीयों में से एक हैं, जिन्हें हाल ही में अमेरिकी सरकार ने भारत वापस भेजा है।
Illegal Migrant Indian एजेंटों के जाल में फंसा जीवन-
मनदीप की यात्रा अगस्त में अमृतसर से शुरू हुई, जब एक एजेंट ने उन्हें एक महीने में कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचाने का वादा किया। 40 लाख रुपये की मोटी रकम दो किश्तों में चुकाने के बाद उनकी यात्रा शुरू हुई। दिल्ली से मुंबई, फिर नैरोबी होते हुए एम्स्टर्डम और सूरीनाम तक की यात्रा में सब-एजेंटों ने अतिरिक्त 20 लाख रुपये की मांग कर दी, जिसे उनके परिवार ने किसी तरह चुकाया।
Illegal Migrant Indian जान जोखिम में डालती खतरनाक यात्रा-
सूरीनाम से शुरू हुआ उनका सफर गुयाना, बोलीविया और इक्वाडोर तक पहुंचा। भीड़ भरी गाड़ियों में यात्रा करते हुए, पनामा के जंगलों में उन्हें सबसे भयानक अनुभव का सामना करना पड़ा। मगरमच्छों और सांपों से भरे इन जंगलों में 13 दिनों तक चली यात्रा में उन्हें 12 नहरें पार करनी पड़ीं। साथी यात्रियों ने चेतावनी दी थी कि ज्यादा सवाल पूछने पर गोली मार दी जाएगी।
#WATCH | Hoshiarpur, Punjab: An Indian citizen who illegally migrated to the US says, "... I was lied to that I would be sent legally but I was sent by 'donkey' route... I faced a lot of difficulties on the way. Now that I am back here, I will work here... I crossed the border… pic.twitter.com/GCF2pRVLOi
— ANI (@ANI) February 6, 2025
भूख और अपमान की पीड़ा-
खाने में अधपकी रोटियां और कभी-कभी नूडल्स के सहारे जीवन चला। कोस्टा रिका, होंडुरास, निकारागुआ और ग्वाटेमाला होते हुए जब वे तिजुआना पहुंचे, तब तक उनकी सिख धर्म की पहचान, उनकी दाढ़ी जबरन कटवा दी गई थी। 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा में घुसने की कोशिश के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
ट्रम्प सरकार की सख्त कार्रवाई-
नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी। अब तक तीन बैचों में कुल 332 भारतीय प्रवासियों को वापस भेजा जा चुका है। पहला बैच 5 फरवरी को 104 लोगों के साथ, दूसरा 15 फरवरी को 116 लोगों के साथ और तीसरा 16 फरवरी को 112 लोगों के साथ अमृतसर पहुंचा।
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समाज के लिए संदेश-
मनदीप सिंह की कहानी एक गंभीर सामाजिक मुद्दे की ओर इशारा करती है। अवैध प्रवास न केवल जीवन को खतरे में डालता है, बल्कि परिवारों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से भी तबाह कर देता है। यह समय है कि युवाओं को कानूनी तरीकों से विदेश जाने के विकल्पों के बारे में जागरूक किया जाए और एजेंटों के झूठे वादों से सावधान रहने की सलाह दी जाए।
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