Mallikarjun Kharge
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    Mallikarjun Kharge: राज्यसभा में सोमवार को एक ऐसा माहौल देखने को मिला, जिसने पूरे सदन का माहौल गर्म कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बीजेपी सांसद नीरज शेखर के बीच हुई नोंकझोंक ने सदन में तूफान मचा दिया। रुपये के मुद्दे पर बोलते हुए खड़गे को नीरज शेखर ने बीच में टोका। यह उनके बीच विवाद की शुरुआत थी। खड़गे ने अपने अनुभव और पुरानी राजनीतिक यात्रा का हवाला देते हुए नीरज शेखर को करारा जवाब दिया।

    Mallikarjun Kharge व्यक्तिगत टिप्पणी-

    "तेरा बाप का भी मैं ऐसा साथी था। तू क्या बात करता है? तुझको लेकर घुमा। चुप, चुप, चुप बैठ," ये शब्द खड़गे के थे, जो सीधे तौर पर नीरज शेखर को संबोधित किए गए। उन्होंने याद दिलाया कि वह चंद्र शेखर के साथ एक साथ जेल में भी बंद हुए थे।सदन के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों को शांत रहने की अपील की। उन्होंने चंद्र शेखर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए खड़गे से अपने शब्दों को वापस लेने को कहा।

    Mallikarjun Kharge राजनीतिक संस्कृति पर टिप्पणी-

    खड़गे ने बीजेपी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लगातार अपमानित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं ने मनमोहन सिंह के बारे में कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जिन्हें उन्होंने बड़ी ही गरिमा के साथ सहा।

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    एक दिलचस्प मोड़-

    दिलचस्प बात यह रही कि इस पूरी घटना के बावजूद खड़गे और नीरज शेखर दोनों ने खुद को एक-दूसरे के प्रति सौहार्दपूर्ण बताया। यह राजनीतिक संस्कृति का एक अनोखा उदाहरण था, जहां व्यक्तिगत विवाद के बावजूद आपसी सम्मान बरकरार रखा गया।

    सदन में हुई इस बहस ने एक बार फिर से सवाल उठाए कि क्या हमारी राजनीतिक संस्कृति में सम्मान और अपमान के बीच की लकीर धुंधली होती जा रही है? क्या राजनेताओं को अपने शब्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है?

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