Sambhal
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    Sambhal: पिछले हफ्ते संभल के इलाके में एक प्राचीन मंदिर मिला, अब इस इलाके में मुस्लिम निवासियों ने अपने घर को तोड़ना शुरू कर दिया है। जिसे उन्होंने मंदिर की संपत्ति पर अतिक्रमण करके बनाया था। जिला प्रशासन ने व्यापक अतिक्रमण विरोध अभियान शुरू करते हुए, साइट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक निवासी का कहना है, कि कम से कम हम इस तरह से अपनी कुछ कीमती चीजों को बचा सकते हैं। अगर हम ध्वस्तीकरण का काम प्रशासन पर छोड़ते हैं, तो हमारे पास शायद कुछ भी ना बचे। यह सब तब हुआ जब उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने संभल के अल्पसंख्यक बाहुली इलाकों में अपनी छापेमारी जारी रखी।

    क्यों शुरु हुई छापेमारी (Sambhal)-

    मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद के घर पर एक स्मार्ट मीटर लगाया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि हाल ही में उनके नाम पर कथित अवैध निर्माण के लिए नोटिस भेजा गया था। अब तक दर्जनों घरों में बिजली चोरी पकड़ी गई और 1.2 करोड रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं बिजली विभाग ने जामा मस्जिद के पास संभल के कुछ इलाकों में चोरी रोधी अभियान चलाने के लिए पुलिस से सुरक्षा मांगी। एएसपी श्रीश चंद्र का कहना है, कि अभियान के दौरान कई घरों के लोगों को बिजली चोरी करते हुए पाया गया।

    अतिक्रमण रोधी अभियान (Sambhal)-

    प्रशासन का बिजली चोरी के खिलाफ अभियान जारी है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने भारी पुलिस बल तैनात किए हैं। वहीं 24 नवंबर को अतिक्रमण रोधी अभियान को संभल में कोर्ट के आदेश पर भड़की हिंसा को ध्यान में रखते हुए चलाया गया है। ASI ने जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और 20 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। सर्वेक्षण की शुरुआत इस दावे के बाद हुई थी, कि मस्जिद मुगल काल के दौरान एक हिंदू मंदिर के खंडहर पर, जिसे कथित रूप से ध्वस्त किए गए, बनाई गई थी।

    मस्जिद के खिलाफ कार्यवाही रोकने के निर्देश-

    29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट को मस्जिद के खिलाफ कार्यवाही रोकने के निर्देश दिए। तब तक जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट सर्वेक्षण आदेश पर मस्जिद समिति की चुनौती पर सुनवाई नहीं कर लेता। स्थानीय निवासियों का कहना है, कि मस्जिद के आसपास पुराने मंदिर के पास एक कुआं मिला था। जिसे नगर पालिका ने बंद किया। चंद्र का कहना है, कि यहां कुआं मस्जिद के प्रवेश द्वार के ठीक किनारे पर मौजूद है। मौके पर पुलिसबल तैनात है, प्रशासन ने कुएं पर खुदाई का काम भी शुरू कर दिया है।

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    शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति-

    एक अन्य निवासी का कहना है, कि कुएं को ढक दिया गया था और उसके ऊपर संगमरमर की एक पटिया रखी गई थी। यह सब तब शुरू हुआ, जब जामा मस्जिद क्षेत्र के आसपास अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ। इस दौरान एक बंद घर के अंदर एक प्राचीन शिव मंदिर छिपा मिला। 1978 के दंगों के बाद हिंदू निवासियों द्वारा छोड़े गए, इस भवन के अंदर अधिकारियों ने एक शिवलिंग और एक हनुमान जी की मूर्ति देखी।

    मंदिर के बाहर एक प्राचीन कुआं भी मिला, जिसे रैंप के नीचे छिपा दिया गया था। वहीं एएसआई को उस मंदिर की आयु निर्धारित करने के लिए कार्बन डेटिंग करने का काम दिया गया है। प्रशासन ने संपत्ति के स्वामित्व की जांच शुरू कर दी है और अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए, मंदिर को उसके असली मालिकों को वापस पहुचाने की योजना बनाई है।

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