Garun Puran को कब और कहां पढ़ना चाहिए? जानें इसका महत्व, खासियत..

Garun Puran: हिंदू धर्म में वेदों और पुराण की बात करें तो चार वेद और 18 महापुराण मौजूद है। इन सभी का अपना महत्व है और गरुड़ पुराण इन्हीं 18 महापुराण में से एक माना जाता है। इसमें बताया जाता है कि व्यक्ति को जीवन काल कैसे व्यतीत करना चाहिए। इसके अलावा पुण्य के विवरण भी गरूड़ पुराण में देखने को मिलते हैं। Garun Puran में यह भी बताया गया है की किस कर्म के लिए क्या सजा मृत्यु के बाद दी जाती है। लेकिन गरुड़ पुराण का पाठ अन्य पुराणों की तरह घर में कभी भी नहीं किया जा सकता। कब और क्यों गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए, आईए इसके बारे में जानते हैं-

Garun Puran में 7000 श्लोक-

गरुण पुराण में 19000 श्लोक मौजूद है, इनमें से 7000 श्लोक सिर्फ मनुष्य के जीवन से संबंधित है। इन श्लोकों में कर्म, स्वर्ग, नरक, धर्म, जन्म, नीति और ज्ञान का उल्लेख किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गरुड़ पुराण पढ़ने के बाद से व्यक्ति के लिए तय करना आसान हो जाता है कि उसे जीवन में किस प्रकार के कार्य करने हैं। हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है। जिस घर में मृत्यु होती है वहां 13 दिन तक गरुण पुराण पढ़ा जाता है।

Garun Puran-

क्योंकि 13 दिनों तक आत्मा घर में ही रहती है और उसे मोह माया त्यागने में परेशानी होती है। गरुड़ पुराण घर में मौजूद उसकी आत्मा को सुनाया जाता है। जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सके। हालांकि ऐसा नहीं है कि गरुण पुराण सिर्फ किसी की मृत्यु के बाद ही पढ़ा जा सकता है। लेकिन जीवन व मृत्यु से जुड़े रहस्यों के बारे में जानने के लिए इसे पढ़ सकते हैं। गरुड़ पुराण जीवन व मृत्यु से जुड़े ऐसे रहस्य का संग्रह है, जो कि आपको सही मार्ग दिखाता है। इसे पढ़ने से व्यक्ति का मन शुद्ध हो जाता है और नेगेटिविटी भी दूर हो जाती है।

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धर्म शास्त्रों के मुताबिक-

गरुण पुराण में कई रास्ते छुपे हैं, धर्म शास्त्रों के मुताबिक, गरुड़ ऋषि कश्यप का पुत्र था। जिसे भगवान विष्णु का वाहन कहा जाता है। गरुड़ पुराण के पीछे एक रहस्य छिपा है। इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। एक समय की बात है जब गरुड़ ने भगवान ने भगवान श्री नारायण से मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं के बारे में पूछा। इसके बाद भगवान विष्णु ने विस्तार से उसके सवालों का जवाब दिया, गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु व गरुड़ के बीच हुई इन्हीं सवाल जवाब का वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद होने वाली घटना और पाप पुण्य के मुताबिक मिलने वाले फलों की जानकारी दी गई है।

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