AIIMS
    Symbolic (Photo Source - Google)

    AIIMS: हमारे यहां डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जाता है और यह दर्जा ऐसे ही नहीं दिया गया। डॉक्टर ने इसका एक जीता जागता उदाहरण पेश कर दिया है। हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें एम्स के डॉक्टरों की काबिलियत ने एक मासूम की जिंदगी को बड़े जोखिम से निकाला है। एक 7 साल के बच्चे के फेफड़ों में सिलाई की सुई घुस गई थी। डॉक्टर के पास यह मामला पहुंचा, तो उन्होंने गजब का रास्ता निकाल लिया। चुंबक की मदद से बच्चे के फेफड़ों से सुई को निकाल कर उसकी जान बचा ली। जानकारी के मुताबिक, बच्चे को कुछ दिनों से तेज बुखार और खांसी आ रही थी।

    कुछ दिनों से तेज बुखार और खांसी-

    खांसी में जब खून आया तो उसे प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। जब डॉक्टर को पता चला कि बच्चे के फेफड़ों में सुई फसी हुई है तो उसे बुधवार को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। दिल्ली के एम्स में बाल चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ विशेष जैन ने का कहना है कि सुई बच्चे के फेफड़ों में बहुत गहराई तक चली गई थी और ऐसी स्थिति में हम ऑपरेशन से बाहरी तत्व को हटाते हैं। यह काफी चुनौती भरा काम होता है। यह फेफड़ों में ज्यादा गहराई तक थी, जिसका मतलब है कि हमारे ऑपरेशन के जरिए डिवाइस के इस्तेमाल के लिए जगह कम थी। फिर हमने चुंबक के इस्तेमाल से ऑपरेशन का मन बनाया।

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    डॉक्टर जैन-

    दिल्ली के चांदनी चौक से तुरंत चुंबक मंगवाया डॉक्टर जैन का ने कहा कि अगर चार मिमी चौड़ाई और 1.5 मिमी मोटा चुंबक समय पर डॉक्टर को नहीं मिलता, तो शायद लड़के की ओपन हार्ट सर्जरी करनी पड़ती। टीम ने धागे और एक रबर बैंड के इस्तेमाल से डिवाइस तैयार किया और चुंबक को इसमें इंस्टॉल कर दिया। सावधानी से सांस की नली में चुंबक को डाल दिया और धीरे-धीरे सी चुंबक की तरफ खींचती चली आई। यह पता नहीं चल पाया कि बच्चे के फेफड़ों में सुई कैसे फंसी थी। लेकिन डॉक्टर जैन का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां बच्चे अजीब चीज निगल जाते हैं। ऑपरेशन के कुछ घंटे बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

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