Unnao Rape Case: 2017 के उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने शुक्रवार को साफ कर दिया, कि दोषी कुलदीप सिंगर सेंगर की उम्रकैद को निलंबित करने वाले कोर्ट के आदेश से वह डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा, कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया पर पूरा भरोसा है और वह न्याय के लिए देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी।
हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुईं पीड़िता-
टाइम्स नाउ के मुताबिक, पीड़िता हाई कोर्ट के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल हुईं और सवाल उठाया, कि महिलाओं को क्या संदेश दिया जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से उन्होंने कहा, “यह सवाल पूछना मेरा और जनता का अधिकार है। हर जज ऐसा नहीं होता।” उन्होंने कहा, कि इस आदेश ने उनके परिवार की सुरक्षा और आजीविका को खतरे में डाल दिया है।
पीड़िता ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा, “इस आदेश ने मुझे और मेरे जैसी कई महिलाओं को पिंजरे में बंद कर दिया है। यह मेरे परिवार के लिए खतरा है। मेरे पति की नौकरी भी चली गई है। अब हम क्या करें?” लेकिन इन सब मुश्किलों के बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट पर अटूट विश्वास-
देश की शीर्ष अदालत में अपने विश्वास को दोहराते हुए पीड़िता ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और मुझे इस पर अंधा विश्वास है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी मुझे न्याय दिया है और मुझे विश्वास है, कि इस बार भी न्याय देगा।” उन्होंने साफ कहा, कि डर उन्हें चुप नहीं करा सकता। पिड़िता ने कहा “उन्होंने सोचा था, कि हम चुप रहेंगे और डरे रहेंगे। उन्होंने दुर्गा रूप में एक महिला को नहीं देखा है। हम नहीं डरेंगे।

इस केस को महिलाओं के अधिकारों की व्यापक लड़ाई बताते हुए पीड़िता ने कहा, “यह इस देश की महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई है। मुझे परवाह नहीं अगर हमें जेल भेज दिया जाए, लेकिन हम लड़ाई जारी रखेंगे।”
क्या है पूरा मामला-
मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद को निलंबित कर दिया था, यह नोट करते हुए, कि उसने पहले ही करीब सात साल और पांच महीने जेल में बिता दिए हैं। यह निलंबन तब तक लागू रहेगा, जब तक सजा के खिलाफ उसकी अपील पर फैसला नहीं हो जाता। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाई हैं, जिसमें सेंगर को पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में आने से रोकना और उसे या उसकी मां को धमकी देने से मनाही शामिल है। कोर्ट ने कहा, कि किसी भी उल्लंघन से स्वचालित रूप से जमानत रद्द हो जाएगी।
भाजपा के पूर्व विधायक सेंगर को 2017 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया गया था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।
ये भी पढ़ें- बदल जाएगा Gurugram! ये 10 सड़कें होंगी हाईटैक, शोर और जाम से मिलेगा हमेशा के लिए छुटकारा
CBI ने भी की सुप्रीम कोर्ट में अपील-
इस बीच, सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की है। जांच एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में पारित विस्तृत आदेश की जांच के बाद यह याचिका दायर की। आदेश के बावजूद, सेंगर जेल में ही रहेंगे, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से संबंधित मामले में अलग से 10 साल की सजा भी काट रहा है।
ये भी पढ़ें- Bengaluru Metro में छेड़छाड़ करने वाले को महिला ने सिखाया सबक, जानिए पूरा मामला



