ISRO Bluebird-2 Mission
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    ISRO Bluebird-2 Mission: आज सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने बड़ा काम किया है। दरअसल बुधवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से देश का सबसे ताकतवर रॉकेट LVM3-M6 लॉन्च हुआ है और यह मिशन सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्पेस उद्योग के लिए भी एक महत्वपूर्ण पल होगा। इस बार रोकेट अमेरिकी कंपनी AST Space Mobile के Bluebird ब्लॉक-2 सेटेलाइट को लो-अर्थ आर्बिट में स्थापित करेगा।

    बिना मोबाइल टावर के भी सिग्नल-

    BlueBird Block-2 सैटेलाइट AST SpaceMobile की वैश्विक LEO कांस्टेलेशन का हिस्सा है, जो सीधे स्मार्टफोन्स में सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके लिए किसी विशेष हार्डवेयर की ज़रूरत नहीं होगी। इस सैटेलाइट में 223 स्क्वायर मीटर का फेज़्ड-ऐरे एंटीना लगा है, जो LEO में तैनात किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। यह दुनिया भर में 4G और 5G वॉइस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग और ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा देगा। जिससे बिना मोबाइल टावर के भी फोन पर सिग्नल आएगा।

    इस मिशन की खासियत-

    इस मिशन की सबसे खास बात यह है, कि Bluebird Block-2 सैटेलाइट का वज़न 6,100 किलोग्राम है, जो LVM3 राकेट द्वारा एलईओ में भेजा जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड होगा। अब तक का रिकॉर्ड 4400 किलोग्राम के CMS-03 कम्युनिकेशन सेटेलाइट के नाम था। जिसे पिछले साल नवंबर में भेजा गया था। यह उपलब्धि भारतीय अंतरिक्ष तकनीक की बढ़ती ताकत को साबित करती है।

    ISRO के अध्यक्ष की देखरेख लॉन्च-

    यह लॉन्च ISRO की कमर्शियल शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और AST स्पेस मोबाइल के बीच एक बिजनेस एग्रीमेंट के तहत किया जा रहा है। रॉकेट के लॉन्च होने के करीब 15 मिनट बाद सैटेलाइट अलग हो जाएगा और लगभग 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपनी निर्धारित कक्षा में प्रवेश करेगा। ISRO के अध्यक्ष वी नारायण इस मिशन की देखरेख के लिए स्पेसपोर्ट पर मौजूद रहेंगे। इससे पहले उन्होंने तिरुमला के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रार्थना भी की है।

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    सबसे शक्तिशाली ऑपरेशनल रॉकेट-

    LVM-3 रॉकेट 43.5 मीटर लंबा है, जिसे GSLV MK III के नाम से भी जाना जाता है। ये इसरो का सबसे शक्तिशाली ऑपरेशनल रॉकेट है, इसका कुल वजन 640 टन है और यह तीन स्टेप वाला रॉकेट है, दो सॉलिड बूस्टर S200, एक लिक्विड कोर स्टेज L110 और एक क्रायोजेनिक अपर स्टेज C25। इस रॉकेट ने पहले भी चंद्रयान-2 चंद्रयान-3 और OneWeb के 72 सेटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

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    By sumit

    मेरा नाम सुमित है और मैं एक प्रोफेशनल राइटर और जर्नलिस्ट हूँ, जिसे लिखने का पाँच साल से ज़्यादा का अनुभव है। मैं टेक्नोलॉजी और लाइफस्टाइल टॉपिक के साथ-साथ रिसर्च पर आधारित ताज़ा खबरें भी कवर करता हूँ। मेरा मकसद पढ़ने वालों को सही और सटीक जानकारी देना है।