Faridabad News
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    Faridabad News: फरीदाबाद जिले में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने एक बार फिर अरावली वन क्षेत्र को बचाने की मुहिम तेज कर दी है। इस बार निशाने पर हैं, बड़ी मोबाइल टावर कंपनियां। वन विभाग ने वोडाफोन, एयरटेल और जियो को नोटिस भेजकर साफ कर दिया है, कि अरावली में अवैध तरीके से लगाए गए, बारह नेटवर्क टावरों को दस दिन के भीतर हटाना होगा। अगर कंपनियों ने समय पर एक्शन नहीं लिया, तो विभाग खुद इन टावरों को गिरा देगा।

    डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर सुरेंद्र डांगी ने स्पष्ट किया, कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत की जा रही है। अरावली की हरियाली और पर्यावरण को बचाने के लिए सभी अवैध निर्माणों को हटाना जरूरी है। बीते गुरुवार को भी विभाग ने पाली इलाके से एक मोबाइल टावर हटाया था, जो इस मुहिम की नई शुरुआत है।

    अरावली में अवैध निर्माण की बड़ी समस्या-

    अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जून और जुलाई में वन विभाग ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की थी। उस दौरान 6497 अवैध निर्माणों को चिन्हित किया गया था, जिनमें से 241 फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल और मैरिज गार्डन गिराकर करीब 261 एकड़ जमीन खाली करवाई गई थी।

    हालांकि उसके बाद कार्रवाई में ब्रेक लग गया था, लेकिन अब एक बार फिर विभाग एक्शन मोड में आ गया है। अनंगपुर, अन-खीर, लक्कड़पुर और मेवला महाराजपुर जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध कंस्ट्रक्शन देखे गए हैं। वन अधिकारियों का कहना है, कि इन इलाकों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सभी निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    कोर्ट में अटकी है सुनवाई-

    इस पूरे मामले में एक दिक्कत यह भी है, कि सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी को रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी थी। दो सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन सुनवाई में देरी हो रही है। पहले 8 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख तय हुई, फिर 28 अक्टूबर और 11 नवंबर की डेट मिली, लेकिन हर बार मामला टेक अप नहीं हो सका।

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    फिलहाल अगली सुनवाई को लेकर कोई अपडेट नहीं है, लेकिन जमीनी स्तर पर वन विभाग की कार्रवाई जारी है। अधिकारियों ने साफ किया है, कि कोर्ट की सुनवाई की प्रतीक्षा किए बिना अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और अरावली के संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।

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