Jawaharlal Nehru Stadium: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को जल्द ही ढहाया जा सकता है। यह खबर सुनकर शायद बहुत लोगो को झटका लगे, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा सपना छिपा है। खेल मंत्रालय भारत के खेल ढांचे को विश्व स्तरीय बनाने के लिए यहां एक आधुनिक स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना बना रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के एक सूत्र ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जानकारी दी है।
102 एकड़ में बनेगी अत्याधुनिक स्पोर्ट्स सिटी-
यह स्पोर्ट्स सिटी पूरे 102 एकड़ में फैली होगी और इसमें सभी प्रमुख खेल विधाओं के लिए सुविधाएं मौजूद होंगी। इतना ही नहीं, खिलाड़ियों के रहने के लिए विशेष आवास की भी व्यवस्था की जाएगी। पुराने स्टेडियम को पूरी तरह से तोड़कर इसे नए सिरे से बनाया जाएगा। हालांकि अभी यह सिर्फ एक योजना है और इस प्रोजेक्ट की टाइमलाइन अभी तय नहीं की गई है।
STORY | JLN Stadium to be turned into Sports City: Sports Ministry source
— Press Trust of India (@PTI_News) November 10, 2025
The iconic Jawahar Lal Nehru Stadium in the national capital will be "dismantled" to create a Sports City that will cater to all major disciplines and include lodging facility for athletes, a Sports… pic.twitter.com/B1WAP00hf6
खेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटीज़ का अध्ययन किया जा रहा है। विदेशों में बनी इन आधुनिक सुविधाओं से सीख लेकर भारत में भी कुछ वैसा ही तैयार करने का प्रयास है। मंत्रालय का स्पष्ट इरादा है, कि भारत के खिलाड़ियों को दुनिया की बेहतरीन सुविधाएं मिलें।
स्टेडियम के अंदर मौजूद सभी कार्यालय होंगे शिफ्ट-
खेल मंत्रालय के सूत्र ने बताया, कि स्टेडियम को पूरी तरह से ढहा दिया जाएगा। वर्तमान में स्टेडियम के अंदर स्थित सभी कार्यालयों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इनमें नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी जैसे महत्वपूर्ण संस्थान शामिल हैं।
2036 ओलंपिक की मेजबानी का सपना-
यह स्पोर्ट्स सिटी भारत के खेल ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकती है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना है, क्योंकि भारत 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करना चाहता है। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा और इसकी तैयारी के लिए बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है।
हालांकि यह पुनर्विकास तभी शुरू होगा, जब प्रस्ताव का पूरा आकलन हो जाएगा और अंतिम योजना को मंजूरी मिल जाएगी। फिलहाल यह प्लानिंग स्टेज में है, लेकिन सरकार की नीयत साफ है, कि भारत को खेलों के क्षेत्र में दुनिया की टॉप पावर बनाना है।
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जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का गौरवशाली इतिहास-
जेएलएन स्टेडियम केवल एक खेल परिसर नहीं, बल्कि भारतीय खेलों की विरासत का प्रतीक है। इस स्टेडियम को मूल रूप से 1982 के एशियाई खेलों के लिए बनाया गया था। बाद में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इसका नवीनीकरण किया गया था। पिछले चार दशकों से यह स्टेडियम भारत के सबसे प्रतिष्ठित मल्टी-स्पोर्ट वेन्यू में से एक रहा है।
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लगभग 60,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम ने कई ऐतिहासिक क्षण देखे हैं। यहां प्रमुख एथलेटिक्स इवेंट्स, फुटबॉल मैच, बड़े कॉन्सर्ट और स्वतंत्रता दिवस समारोह जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। भारतीय एथलेटिक्स टीम के लिए यह घर जैसा रहा है। अनगिनत खिलाड़ियों ने यहां अपने सपने पूरे किए हैं, पदक जीते हैं और देश का नाम रोशन किया है।



