Odisha Puri Incident: ओडिशा के पुरी जिले में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई है, जिसने पूरे राज्य को हिला दिया है। एक 15 साल की मासूम बच्ची को तीन दरिंदों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यह घटना उस समय हुई जब वह अपने दोस्त के घर जा रही थी। बायाबार गांव में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। पीड़िता की हालत बेहद गंभीर है और उसे तुरंत एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम उसकी जान बचाने में जुटी हुई है। सबसे दुखद बात यह है, कि यह घटना बलंगा पुलिस स्टेशन से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर हुई है।
अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस-
घटना के तुरंत बाद तीनों आरोपी मौके से भाग गए। पुलिस ने इन दरिंदों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है, कि इस जघन्य अपराध के पीछे क्या मकसद था। पुलिस अधिकारी कह रहे हैं, कि वे जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे और इस मामले की गहरी जांच कर रहे हैं। स्थानीय चश्मदीद गवाहों के मुताबिक, लड़की अकेली जा रही थी, जब अचानक तीन लोगों ने उसका रास्ता रोका और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यह घटना दिन के उजाले में हुई है, जो इसकी गंभीरता को और भी बढ़ा देती है।
#WATCH | Bhubaneswar, Odisha: A 15-year-old girl was set on fire by some miscreants at Balanga in Puri district. She has been admitted to AIIMS Bhubaneswar.
— ANI (@ANI) July 19, 2025
Her cousin says, "Around 8.30 am, she was going to her friends. She was abducted midway, taken to a riverside and set on… pic.twitter.com/0uO9lqsND9
सरकार का तत्काल जवाब और आश्वासन-
उप मुख्यमंत्री प्रवति परिदा ने इस घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि पुलिस को अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मैं इस खबर को सुनकर गहरे दुख और सदमे में हूं कि बलंगिर क्षेत्र में कुछ बदमाशों ने सड़क पर एक पंद्रह साल की बच्ची पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।”
परिदा, जो महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री भी हैं, ने साफ कहा है, कि सरकार पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी। “उसके इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पुलिस प्रशासन को अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं,” उन्होंने आश्वासन दिया। पुरी के जिला मजिस्ट्रेट चांचल राणा ने भी कहा है, कि लड़की को गंभीर जलने की चोटें आई हैं और सरकार की तरफ से जो भी सहायता चाहिए, वह प्रदान की जाएगी।
पारिवारिक कोण से इनकार-
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के परिवार ने व्यक्तिगत दुश्मनी या प्रेम प्रसंग के कोण से इनकार किया है। परिवारजनों का कहना है, कि यह एक अकारण और निर्दयी हमला था। इससे यह घटना और भी रहस्यमय और चिंताजनक बन गई है।
राजनीतिक बवाल और आरोप-प्रत्यारोप-
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे “आपराधिक लापरवाही” करार देते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा, “भाजपा, अब आपका बेटी बचाओ का नारा कहां है? एनसीडब्ल्यू कहां छुप गई है? या वे भारत की बेटियों की सुरक्षा करने के बजाय विपक्षी आवाजों का शिकार करने में व्यस्त हैं?”
पिछली घटना-
यह घटना उस समय हुई है, जब ओडिशा में एक कॉलेज छात्रा की मौत के कारण माहौल अभी भी तनावपूर्ण है। फकीर मोहन कॉलेज की 20 साल की छात्रा ने 12 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी। उसका आरोप था, कि एक प्रोफेसर उसे यौन उत्पीड़न कर रहा था, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उसकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। द्वितीय वर्ष की बी.एड छात्रा को 95 प्रतिशत जलने की चोटें आई थीं और सोमवार को एम्स भुवनेश्वर में उसकी मौत हो गई थी। यह घटना पूरे राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ चुकी है।
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समाज के लिए चिंता का विषय-
ये दोनों घटनाएं ओडिशा में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। एक तरफ जहां एक छात्रा को न्याय के लिए अपनी जान गंवानी पड़ी, वहीं दूसरी तरफ एक मासूम बच्ची को बेवजह निशाना बनाया गया। ये घटनाएं दिखाती हैं कि हमारे समाज में अभी भी महिला सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। सरकार और पुलिस प्रशासन को इन घटनाओं से सीख लेते हुए, महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। साथ ही समाज को भी अपनी सोच बदलनी होगी ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।
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