Sharda University Suicide
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    Sharda University Suicide: शारदा यूनिवर्सिटी में एक दुखद घटना ने पूरे शिक्षा जगत को हिला दिया है। BDS की दूसरे साल की एक छात्रा ने अपने टीचर्स के कथित हैरासमेंट के कारण आत्महत्या कर ली है। इस घटना ने न सिर्फ यूनिवर्सिटी में बल्कि पूरे समाज में शिक्षा व्यवस्था की खामियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    घटना का विवरण और पुलिस की कार्रवाई-

    नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाली शारदा यूनिवर्सिटी में यह दिल दहला देने वाली घटना हुई। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें छात्रा ने अपने टीचर्स पर हैरासमेंट का आरोप लगाया है। उसने इसी हैरासमेंट को अपनी आत्महत्या का कारण बताया है। छात्रा के परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए, दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस गंभीरता से जांच में जुटी है।

    कैंपस में छात्रों का विरोध प्रदर्शन-

    इस घटना की खबर फैलते ही यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों में भारी रोष देखने को मिला। छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। कैंपस में तनावपूर्ण माहौल बना रहा, जहां छात्रों और पुलिस के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई। छात्रों का कहना था, कि यह महज एक इंसिडेंट नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की गंभीर समस्या है।

    यूनिवर्सिटी प्रशासन की प्रतिक्रिया-

    शारदा यूनिवर्सिटी के प्रबंधन ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। डॉ अजीत कुमार, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, शारदा यूनिवर्सिटी का कहना है, कि इस घटना में संदिग्ध दो टीचर्स को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया, कि वे नोएडा पुलिस की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। प्रो-वाइस चांसलर की अध्यक्षता में एक हाई-लेवल प्रोब कमिटी का गठन किया गया है, जो इस पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगी।

    शिक्षा जगत में बढ़ते हैरासमेंट के मामले-

    यह घटना ओडिशा के एक कॉलेज स्टूडेंट के सुसाइड केस के बाद हुई है, जहां एक छात्रा ने प्रोफेसर के रिपीटेड हैरासमेंट के कारण खुद को आग लगाकर जान दे दी थी। ये घटनाएं शिक्षा संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर रही हैं।

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    समाज के लिए एक जरूरी सवाल-

    इस तरह की घटनाएं हमारे समाज के लिए एक आईना हैं। शिक्षा संस्थान जो ज्ञान और संस्कार देने की जगह हैं, वहां अगर छात्र-छात्राओं को हैरासमेंट का सामना करना पड़े तो यह चिंता की बात है। हर स्टूडेंट का हक है कि वह एक सेफ और सपोर्टिव एनवायरनमेंट में पढ़ाई कर सके। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। साथ ही यह भी जरूरी है कि सभी शैक्षणिक संस्थान अपनी नीतियों की समीक्षा करें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

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