Sunny Leone: बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोनी आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं रहा। उनकी ज़िंदगी की चमक के पीछे एक लंबा संघर्ष और दर्द छुपा है, जिसे हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में सबके सामने रखा। पिछले साल पिंकविला को दिए गए एक इमोशनल इंटरव्यू में सनी ने अपने कठिन बचपन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह बहुत कम उम्र में उन्होंने अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए अजीब-अजीब तरह की नौकरियाँ करनी शुरू कर दी थीं।
सनी ने कहा, जब मैं छोटी थी, मैं घर-घर जाकर चीज़ें बेचती थी। उन्होंने आगे बताया, जो भी कर सकती थी पैसे कमाने के लिए, मैं वो करती थी। उस उम्र में इतना पैसा नहीं मिलता था, लेकिन हालात ऐसे थे कि कुछ तो करना ही था। उनका ये बयान सुनकर हर कोई सोचने पर मजबूर हो जाता है कि एक चमकदार स्टार बनने के पीछे कितनी सच्ची मेहनत और मजबूरी छुपी होती है।
Sunny Leone जब ज़िंदगी ने लिया कड़ा इम्तिहान-
सनी का संघर्ष सिर्फ आर्थिक नहीं था, भावनात्मक रूप से भी उन्होंने बहुत कुछ सहा। उन्होंने बताया कि जब उनकी मुलाकात डेनियल वेबर से हुई, उस वक़्त उनकी मां बहुत बीमार थीं। जनवरी में डेनियल से मिली और मार्च में मां की मृत्यु हो गई। उस छोटे से वक्त में कुछ ऐसा हो गया जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन डेनियल ने उन्हें टूटने नहीं दिया।
मां की मौत के छह महीने बाद उनके पिता को कैंसर डाइग्नोज़ हुआ और उस वक्त भी डेनियल उनके साथ खड़े रहे। सनी कहती हैं कि उस समय सिर्फ मैं और मेरा भाई थे, और डेनियल ने हमें संभाला। जब ज़िंदगी सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हो और कोई इंसान बिना शर्त आपके साथ खड़ा हो, तो वो रिश्ता बहुत खास होता है।
Sunny Leone कैसे बना बचपन का संघर्ष ताकत-
सनी मानती हैं, कि बचपन में जो जिम्मेदारियाँ उन्होंने झेली, वही आगे चलकर उनकी ताकत बनीं। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी काम को छोटा नहीं मानना आता, क्योंकि उन्होंने ज़िंदगी की शुरुआत बहुत नीचे से की है। चाहे दरवाज़े-दरवाज़े जाकर सामान बेचना हो या छोटे-मोटे काम करना, इन सबने उन्हें एक मज़बूत और संवेदनशील इंसान बनाया।
जब कोई बच्चा मजबूरी में बहुत जल्दी काम करने लगता है, तो उसमें जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता बहुत जल्दी आ जाती है। ऐसे लोग जीवन में कोई भी काम करने से नहीं डरते और मुश्किलों में भी रास्ता ढूंढ लेते हैं। लेकिन अगर उन्हें भावनात्मक समर्थन न मिले तो आगे चलकर ये संघर्ष उनके भीतर तनाव, अकेलापन और भरोसे की कमी भी पैदा कर सकता है।
गंभीर बीमारियों से जूझते माता-पिता के बीच बच्चों की भूमिका-
सनी के लिए सबसे कठिन समय वो था, जब उनके दोनों माता-पिता एक-एक करके उन्हें छोड़ गए। ऐसा अनुभव किसी भी युवा के लिए मानसिक रूप से बहुत भारी होता है। अंजलि बताती हैं कि ऐसे समय में बच्चों के लिए कुछ चीज़ें बेहद मददगार हो सकती हैं, जैसे कि अपने मन की बात किसी भरोसेमंद इंसान से शेयर करना, रूटीन बनाए रखना, कला या संगीत जैसी चीज़ों से भावनाओं को बाहर निकालना, थैरेपी लेना और माइंडफुलनेस जैसी तकनीकों का सहारा लेना। सबसे ज़रूरी बात ये है कि बच्चों से खुलकर बात की जाए ताकि वे खुद को अकेला महसूस न करें।
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सनी की कहानी हर किसी के लिए एक प्रेरणा-
आज सनी लियोनी को लोग सिर्फ एक फिल्म स्टार या ग्लैमरस सेलिब्रिटी के रूप में देखते हैं, लेकिन उनकी ज़िंदगी की असली कहानी उनके संघर्षों, जज़्बे और जिद से लिखी गई है। उन्होंने अपने अनुभवों से साबित किया है कि मुश्किल हालात भी इंसान को तोड़ नहीं सकते, अगर साथ में हो हिम्मत और कोई ऐसा साथी जो हर हाल में आपका हाथ थामे रहे।
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