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    Trending News: अमेरिका के एरिजोना राज्य में रहने वाली 19 साल की रेना ओ’रॉर्क का सपना था कि वह एक दिन मशहूर बनेगी। उसके पिता एरोन ओ’रॉर्क बताते हैं, कि रेना हमेशा कहती थी, “मैं मशहूर बनूंगी पापा, आप देखना।” लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह मशहूरी इतनी दुखद परिस्थितियों में मिलेगी। रविवार को रेना की मौत हो गई, और उसकी कहानी आज दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है – लेकिन सिर्फ इसलिए कि वह एक खतरनाक सोशल मीडिया ट्रेंड का शिकार हो गई।

    Trending News ‘डस्टिंग’ ट्रेंड क्या है और क्यों है जानलेवा-

    एनडीटीवी के मुताबिक, ‘डस्टिंग’ या ‘क्रोमिंग’ एक ऐसा वायरल ट्रेंड है जिसमें बच्चे और टीनएजर्स कीबोर्ड क्लीनर जैसे हाउसहोल्ड प्रोडक्ट्स को सूंघते हैं। इसे ‘हफिंग’ भी कहा जाता है। यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर viral हो रहा है जहां लोग इन केमिकल्स को सूंघकर एक अजीब सी खुशी महसूस करते हैं और इसकी वीडियो बनाकर ऑनलाइन शेयर करते हैं। लेकिन यह कुछ सेकंड की मस्ती इंसान की जान भी ले सकती है।

    क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, ये केमिकल्स सूंघने से दिल की धड़कन अचानक रुक सकती है और व्यक्ति तुरंत बेहोश हो सकता है। रेना के साथ भी यही हुआ। उसने अपने boyfriend के साथ मिलकर बिना माता-पिता की जानकारी के एरोसोल कीबोर्ड क्लीनर मंगवाया था।

    Trending News चार दिन ICU में संघर्ष के बाद मिली हार-

    रेना ने जब यह केमिकल सूंघा तो उसे तुरंत कार्डियक अरेस्ट हुआ। वह बेहोश हो गई और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। चार दिन तक वह ICU में जिंदगी और मौत के बीच लड़ती रही, लेकिन उसे होश नहीं आया। डॉक्टरों ने आखिरकार उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। उसकी मां डाना ओ’रॉर्क का कहना है कि रेना को दोबारा होश नहीं आया।

    रेना के माता-पिता बताते हैं, कि यह सब इतनी जल्दी हुआ, कि उन्हें समझ ही नहीं आया। एक दिन उनकी बेटी हंस-खेल रही थी और अगले दिन वह अस्पताल में थी। परिवार ने GoFundMe पेज बनाकर मेडिकल बिल्स, अंतिम संस्कार और थेरेपी के खर्च के लिए पैसे इकट्ठे करने की अपील की है।

    माता-पिता की चेतावनी और सलाह-

    रेना की मां डाना का कहना है ,कि ये प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए कोई ID की जरूरत नहीं होती। इनकी कोई खास गंध भी नहीं होती जिससे माता-पिता को पता चल जाए। बच्चे आसानी से इन्हें खरीद सकते हैं और घर में छुपा सकते हैं। ड्रग टेस्ट में भी ये पकड़ में नहीं आते।

    अब रेना के माता-पिता दूसरे परिवारों को चेतावनी दे रहे हैं। डाना कहती हैं, “अपने बच्चों के कमरे की तलाशी लें। उन पर भरोसा न करें – यह सुनने में भले ही बुरा लगे, लेकिन इससे उनकी जान बच सकती है।” वे चाहते हैं कि उनकी बेटी की मौत व्यर्थ न जाए और दूसरे बच्चों की जान बचाई जा सके।

    दुनिया भर में बढ़ता खतरा-

    यह पहला मामला नहीं है। मार्च 2024 में यूके में एक 11 साल का लड़का भी इसी तरह के वीडियो देखकर toxic substances सूंघने से मर गया था। CNN के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 12 से 17 साल के बच्चों में inhalants का इस्तेमाल 2015 में 684,000 से घटकर 2022 में 554,000 हो गया है, लेकिन फिर भी यह संख्या चिंताजनक है।

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    परिवार की यादें और रेना का व्यक्तित्व-

    रेना के माता-पिता उसे एक जिंदादिल, caring और वफादार लड़की के रूप में याद करते हैं। उसके पिता कहते हैं कि वह गाना गाना पसंद करती थी और जहां भी जाती थी, अपनी मुस्कान और हंसी से माहौल खुशनुमा बना देती थी। वह हर कमरे में रोशनी की तरह आती थी।

    माता-पिता के लिए जरूरी सबक-

    इस घटना से सबसे बड़ा सबक यह मिलता है, कि सोशल मीडिया के जमाने में माता-पिता को अपने बच्चों की online activities पर और भी ज्यादा ध्यान देना होगा। हर viral trend safe नहीं होता। कई बार वे challenges जो मजाकिया लगते हैं, जानलेवा साबित हो सकते हैं। रेना की कहानी हमें याद दिलाती है, कि fame की चाह में बच्चे कितने खतरनाक काम कर सकते हैं। अब उनके परिवार का मिशन है कि वे इस जानकारी को फैलाकर दूसरे बच्चों की जान बचाएं।

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