Pfizer Vaccine: तुर्की की एक नई रिसर्च ने Pfizer-BioNTech की कोविड-19 वैक्सीन को लेकर चिंता बढ़ाई है। इस अध्ययन में पाया गया है, कि यह वैक्सीन आंखों की कॉर्निया पर सूक्ष्म लेकिन गंभीर प्रभाव डाल सकती है। वैज्ञानिकों ने कम से कम 64 मरीजों की आंखों में वैक्सीन की दोनों डोज लेने से पहले और बाद में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया है।
इस शोध में सबसे चिंताजनक बात यह सामने आई है, कि भले ही मरीजों को तुरंत नजर की समस्या नहीं हुई हो, लेकिन वैक्सीन लेने के बाद उनकी कॉर्निया मोटी हो गई है। साथ ही endothelial cells की संख्या कम हो गई है और आंखों की संरचना में ऐसे बदलाव हुए हैं जो समय के साथ आंखों की सेहत पर असर डाल सकते हैं।
Pfizer Vaccine क्या दिखाई दिया रिसर्च में-
टाइम्स नाउ के मुताबिक, Ophthalmic Epidemiology जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, वैक्सीन लेने के बाद कॉर्निया की औसत मोटाई 528 से बढ़कर 542 माइक्रोमीटर हो गई, जो लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। वहीं endothelial cells की गिनती जो कॉर्निया को साफ रखने का काम करती है, लगभग 8 प्रतिशत कम हो गई। यह संख्या 2,597 से घटकर 2,378 cells प्रति वर्ग मिलीमीटर हो गई।
Daily Mail की रिपोर्ट के अनुसार, आंखों में हुए ये बदलाव बताते हैं कि Pfizer वैक्सीन endothelium को अस्थायी रूप से कमजोर कर सकती है। हालांकि स्टडी के दौरान मरीजों को साफ नजर की समस्या नहीं हुई, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि स्वस्थ आंखों वाले लोगों के लिए ये छोटे बदलाव शायद तुरंत नजर को प्रभावित न करें।
किसे हो सकती है ज्यादा परेशानी-
रिसर्चरों ने बताया कि जिन लोगों की आंखों में पहले से समस्या है या जिनकी कॉर्निया की transplant हुई है, उनमें ये बदलाव कॉर्निया में सूजन या धुंधली नजर का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्वस्थ endothelial cells आमतौर पर षट्कोण के आकार की होती हैं और मधुमक्खी के छत्ते की तरह कसकर जुड़ी रहती हैं।
हालांकि 2 प्रतिशत की कमी सीधे तौर पर नुकसान का संकेत नहीं है, लेकिन टीम को लगता है कि ये cells दो से तीन महीने तक किसी तरह के तनाव पर प्रतिक्रिया दे रही हैं। रिसर्चरों ने यह भी कहा कि उनके परिणाम इस बात के प्रमाण दिखाते हैं कि ये बदलाव वैक्सीन लेने से सीधे जुड़े होने की बहुत संभावना है।
वैज्ञानिकों की सलाह और सावधानी-
इस अध्ययन में Sirius corneal topography और Tomey EM-4000 specular microscopy की मदद से आंखों की सेहत का विश्लेषण किया गया। वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीनेशन की कोशिशों को रोकने की जरूरत नहीं है। बल्कि उन्होंने कहा है कि जिन लोगों की आंखों में पहले से कमजोरी है, उनमें कॉर्निया की सेहत की लगातार निगरानी की जानी चाहिए।
रिसर्चरों ने जोर देकर कहा है कि जो बदलाव देखे गए हैं, वे तनाव या सूजन की अस्थायी प्रतिक्रिया हो सकते हैं जो समय के साथ ठीक हो सकते हैं। फिर भी उन्होंने चेतावनी दी है कि “जिन लोगों में endothelial count कम है या जिनकी corneal graft हुई है, उनमें endothelium की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए”, खासकर अगर भविष्य की स्टडीज लंबे समय तक होने वाले नुकसान की पुष्टि करती हैं।
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mRNA वैक्सीन की अन्य समस्याओं से जुड़ाव-
रिपोर्ट के अनुसार, यह स्टडी mRNA वैक्सीन के दुर्लभ side effects की मौजूदा चिंताओं को भी बढ़ाती है। इनमें myocarditis और pericarditis शामिल हैं, जो खासकर युवा पुरुषों में देखी जाती हैं। अगर Pfizer का टीका लगने के तुरंत बाद तनाव और सूजन के संकेत कम हो जाते हैं, तो इन छोटे बदलावों का प्रभाव बहुत हानिकारक नहीं होगा।
रिसर्चरों ने आगे की योजना बनाई है कि वे प्रतिभागियों को ट्रैक करते रहेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कॉर्निया में हुए ये शुरुआती बदलाव आगे बढ़ते हैं या समय के साथ स्थिर हो जाते हैं। यह अध्ययन एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें वैक्सीन के लंबे समय तक होने वाले प्रभावों को समझने में मदद करेगा।
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