Israel Iran Conflict: मध्य पूर्व में जारी संकट के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। ईरानी क्रांतिकारी गार्ड कोर के वरिष्ठ जनरल और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य मोहसेन रजाई ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने ईरान को यकीन दिलाया है कि अगर इजराइल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो पाकिस्तान भी जवाबी परमाणु हमला करेगा। यह बयान ईरानी सरकारी टेलीविजन पर एक साक्षात्कार के दौरान दिया गया, जो इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जनरल रजाई ने ईरानी टेलीविजन पर कहा था, "पाकिस्तान ने हमें बताया है कि अगर इजराइल परमाणु मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा, तो हम भी इजराइल पर परमाणु हथियारों से हमला करेंगे।" यह बयान उस समय आया है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और दोनों देशों के बीच लगातार हमले हो रहे हैं।
Israel Iran Conflict पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता इजराइल के लिए चुनौती-
पाकिस्तान के पास शाहीन-3 मिसाइल है जो 2,700 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्य को निशाना बना सकती है। इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान की इस मिसाइल की पहुंच इजराइल के किसी भी हिस्से तक है। शाहीन-3 मिसाइल फिलहाल पाकिस्तानी सेना की रणनीतिक कमान में तैनात मानी जा रही है, हालांकि पाकिस्तानी सेना ने इसकी तैनाती पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
यह बात ध्यान देने वाली है कि ईरान पर इजराइली हमलों के बाद पाकिस्तान ने मजबूत मौखिक समर्थन दिया है, लेकिन अब तक पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है जो इजराइल के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के इरादे की पुष्टि करे।
Israel Iran Conflict ईरान के पास छुपी हुई क्षमताएं-
जनरल रजाई ने यह भी कहा कि ईरान के पास ऐसी गुप्त रणनीति और क्षमताएं हैं जो अभी तक सामने नहीं आई हैं। यह बयान बताता है कि ईरान अपनी पूरी सैन्य क्षमता को अभी तक सामने नहीं लेकर आया है और उसके पास कुछ चौंकाने वाले तत्व हो सकते हैं।
Israel Iran Conflict पाकिस्तान का ईरान के साथ एकजुटता-
इजराइली हमलों के बाद पाकिस्तान ने ईरान के साथ दृढ़ एकजुटता प्रकट की है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खवाजा आसिफ ने 14 जून को राष्ट्रीय सभा में बोलते हुए मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इजराइल की आक्रामकता सिर्फ ईरान को निशाना नहीं बना रही बल्कि यमन और फिलिस्तीन पर भी हमले कर रही है।
खवाजा आसिफ ने कहा था कि अगर मुस्लिम देश एकजुट नहीं हुए तो सभी मुस्लिम राष्ट्र इसी तरह के हमलों के लिए असुरक्षित रह जाएंगे। उन्होंने उन मुस्लिम देशों से भी कहा था जो इजराइल के साथ राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं कि वे तुरंत इन रिश्तों को तोड़ दें।
रक्षा मंत्री ने इस्लामी सहयोग संगठन से भी कहा था कि वह बैठक बुलाकर एक संयुक्त रणनीति बनाए। आसिफ ने ईरान के साथ पाकिस्तान के गहरे संबंधों पर जोर देते हुए कहा था कि पाकिस्तान सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर तेहरान के हितों की रक्षा के लिए समर्थन करेगा।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का ईरान को समर्थन-
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के साथ फोन पर बातचीत में ईरान के साथ पाकिस्तान की एकजुटता को दोहराया था। उन्होंने इजराइल के हमलों को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था और कहा था कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा है।
शहबाज शरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से तत्काल कार्रवाई की अपील की थी ताकि इजराइल की आक्रामकता को रोका जा सके। उन्होंने इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को भी दोहराया था।
इजराइल-ईरान संघर्ष में नए आयाम-
इस बीच इजराइली हवाई हमलों ने ईरानी परमाणु और सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया है, जिसके बाद ईरान ने जवाबी मिसाइल हमले किए हैं। दोनों तरफ से जारी शत्रुताओं में हताहत होने की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष मध्य पूर्व में एक नए और खतरनाक चरण में पहुंच गया है।
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यह पूरा माहौल दिखाता है कि मध्य पूर्व का संकट अब सिर्फ इजराइल और ईरान तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसमें अन्य क्षेत्रीय शक्तियां भी शामिल हो रही हैं। पाकिस्तान की परमाणु धमकी का मतलब है कि यह संघर्ष अब और भी खतरनाक हो गया है और इसके वैश्विक नतीजे हो सकते हैं।
इस स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। यदि यह संघर्ष और बढ़ता है तो इसके नतीजे केवल मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रहेंगे। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। अब यह देखना है कि क्या राजनयिक प्रयासों से इस संकट को हल किया जा सकता है या फिर यह क्षेत्र एक बड़े युद्ध की तरफ बढ़ता रहेगा।
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