Anaj Wale Baba: कुछ समय से प्रयागराज में महाकुंभ के मेले में एक असाधारण आकर्षण देखने को मिल रहा है, जिनका नाम अनाज वाले बाबा है। एक योगी जिन्होंने अपने सिर पर फसल उगाकर पर्यावरण जागरूकता को बिल्कुल नए स्तर पर पहुंचा दिया है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले अनाज वाले बाबा जिन्हें लोग अमरजीत के नाम से जानते हैं। पिछले 5 सालों से अपने सिर पर गेहूं, मटर, बाजरा और चने जैसी चीज उग रहे हैं। जिसे देखने वाले लोग हैरान रह जाते हैं। एक समर्पित योगी अनाज वाले बाबा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी प्रथा चल रहे हैं। उनका कहना है, कि वनों की कटाई एक बढ़ती हुई समस्या है और मैं लोगों को हरियाली लगाने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं, इसलिए मैने अपने सिर पर फसलें उगाई हैं। इसके साथ ही इन फसलों को स्वस्थ रखने के लिए बाबा उन्हें रोजाना पानी भी देते हैं।
हरियाली और शांति की वकालत(Anaj Wale Baba)-
जिससे भक्त उनके इस उद्देश्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से प्रभावित होते हैं। वर्तमान में कल्पवास के दौरान किला घाट के पास रहने वाले बाबा मेले में सबसे चर्चित व्यक्तियों में से एक हैं, जो उनके उल्लेखनीय प्रयास की एक झलक पाने के लिए लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। महाकुंभ के बाद अनाज वाले बाबा अपने परंपरागत दृष्टिकोण के माध्यम से हरियाली और शांति की वकालत जारी रखने के लिए सोनभद्र लौटने की योजना बना रहे हैं। उनके मिशन ने भक्तों के बीच में प्रशंसा जगा दी है, जो उन्हें पर्यावरण चेतना के प्रतीक के रूप में देखती है।
पवित्र अग्नि अनुष्ठान(Anaj Wale Baba)-
महाकुंभ 2025 में एक और आयोजन गौ माता को समर्पित भव्य महायज्ञ है। यह पवित्र अग्नि अनुष्ठान गाय को भारत की राष्ट्रीय माता के रूप में मान्यता देने और गौ हत्या के खिलाफ अभियान चलाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अवीमुक्तेश्वर आनंद सरस्वती के शिविर में आयोजित इस यज्ञ में 1100 पुजारी पूरे 1 महीने तक हर दिन यज्ञ करेंगे। यह भव्य अनुष्ठान भारतीय परंपरा में गायों की संस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाने के लिए है और उनकी सुरक्षा और कल्याण की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
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महाकुंभ मेला-
प्रयागराज में हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 जनवरी 2025 तक चलेगा। अनुमान लगाया जा रहा है, कि इसमें 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे अपनी तरह का सबसे बड़ा मेला बना देगा। संगम जहां गंगा, सरस्वती, यमुना, नदियां मिलती हैं। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा। भक्तों का मानना है, कि इस जल में पवित्र डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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