Vinayak Chaturthi May 2024
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Vinayak Chaturthi May 2024: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, अमावश्या और पूर्णिमा के बाद चौथे दिन को चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक हिंदू चंद्रमा के महीने में चतुर्थी तिथि मनाई जाती है। किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल विनायक चतुर्थी का व्रत 11 मई 2024 यानी शनिवार को रखा जाएगा।

Vinayak Chaturthi May 2024 तिथि और शुभ मुहुर्त-

विनायक चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो मई 2024 की तिथि 11 मई शनिवार है, चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 मई की सुबह 2:50 बजे से शुरू होगी, वहीं चतुर्थ तिथि की समाप्ति 12 में की सुबह 2:03 बजे खत्म होगी। विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त 10:25 बजे से रात 1:01 तक रहेगा। विनायक चतुर्थी पर व्रत रखने से सुख समृद्धि और भौतिक उन्नति जैसे बहुत से फायदे मिलते हैं।

Vinayak Chaturthi व्रत महत्व-

भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को चतुर्थी व्रत के महत्व के बारे में बताया था। भविष्य पुराण और नरसिंह पुराण दोनों इसका संदर्भ देते हैं। यह बाधाओं को दूर करके, आपको चीजों की उपलब्धियों के लिए ज्यादा अनुकूल बनाती है। यह ज्ञान, धन और इच्छाओं की संतुष्टि देता है। इसके अलावा यह बुद्ध के नकारात्मक प्रभाव को कम कर देता है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के बहुत सारे फायदे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मंत्र ओम गन गणपतए नमः सभी इच्छाओं को प्रकट करने में सहायता करता है।

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पूजा विधि-

इस व्रत को रखने वाले भक्तों को सुबह जल्दी उठना चाहिए, उसके बाद स्नान करके भगवान गणेश जी की पूजा करें, भगवान गणपति की पूजा के लिए उपासकों को देवता को दूर्वा, फूल, लड्डू और अक्षत चढ़ाना चाहिए। उन्हें घी का दीपक भी जलाना चाहिए और भगवान गणेश को धूप अर्पित करें। भक्तों को सुबह और शाम के बाद भगवान की पूजा के बाद भगवान गणेश की आरती जरूर करनी चाहिए। भगवान गणेश के मंत्र का जाप करें, उन्हें चतुर्थी व्रत कथा भी अवश्य सुननी चाहिए। शाम के समय भक्तों को चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए और भगवान गणपति की पूजा करके अपना व्रत समाप्त करना चाहिए।

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ध्यान देने वाली बात यह है कि इस व्रत को करने से आपको बाधाओं से मुक्ति मिलेगी। लेकिन व्रत के नियमों को ध्यान में रखना भी ज़रुरी होता है। जैसे साफ-सफाई का ध्यान रखें, सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर ही पूजा करनी चाहिए।

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