Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज की रात्रि यात्रा की एक अनोखी परंपरा थी, जिसमें वे हर रात पैदल एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा किया करते थे। इस यात्रा के दौरान, उनके भक्त उनके दर्शन का लाभ उठाते थे, लेकिन अब प्रेमानंद महाराज ने इस यात्रा को बंद कर दिया है। इसके पीछे का कारण यह है कि उसी रास्ते पर मौजूद कॉलोनी की महिलाओं ने प्रेमानंद जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
Premanand Ji Maharaj की रात्रि यात्रा-
महिलाओं का कहना है, कि प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा के कारण वे पूरी रात सो नहीं पाते हैं। क्योंकि रात में पटाखे और ढोलक की धुनें बजाई जाती हैं, जिससे वे परेशान होती हैं। इस समस्या को देखते हुए, प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रि यात्रा को बंद करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उनके भक्तों के लिए एक बड़ा झटका है, जो उनके दर्शन के लिए हर रात उनका इंतजार किया करते थे।
Premanand Ji Maharaj of Vrindavan used to travel on foot from one place to another every night. On the pretext of this journey, his devotees used to have his darshan, but now Premanand Maharaj has stopped this journey. The reason behind this is that the women of the colony… https://t.co/F6PZFQKFsm pic.twitter.com/AJoAHiSTsy
— Sainidan Ratnu. Ex.Judicial Officer. (@sainidan_ratnu) February 7, 2025
भक्तों की भावनाओं का सम्मान(Premanand Ji Maharaj)-
लेकिन प्रेमानंद महाराज का कहना है, कि वे अपने भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा, कि उनकी यात्रा से किसी को परेशानी न हो। इस मुद्दे पर वृंदावन के निवासियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोगों का कहना है, कि प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा एक अनोखी परंपरा थी, जो वृंदावन की संस्कृति का एक हिस्सा थी।
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वृंदावन की संस्कृति-
इसके बंद होने से वृंदावन की संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जबकि दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है, कि प्रेमानंद महाराज को अपनी यात्रा को बंद करने का निर्णय लेने में सही हैं, क्योंकि वे अपने भक्तों के साथ-साथ अन्य लोगों की भावनाओं का भी सम्मान करते हैं। इस पूरे मामले में यह साफ है, कि प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक मिच्योर फैसला लिया है।
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