Matangi Jayanti 2025
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    Matangi Jayanti 2025: मातंगी जयंती 2025 में बुधवार, 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार यह शुभ अवसर वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर पड़ रहा है, जो देवी मातंगी के दिव्य प्रकटीकरण का दिन माना जाता है।

    इस वर्ष तृतीया तिथि 29 अप्रैल, 2025 को शाम 5:31 बजे से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2:12 बजे तक रहेगी। इस समय के दौरान की गई साधना और पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

    देवी मातंगी को तांत्रिक सरस्वती का रूप माना जाता है, जिनका संबंध ज्ञान, विद्या, वाणी और कलाओं से है। उनकी उपासना से वाक्सिद्धि, कलात्मक प्रतिभा और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

    Matangi Jayanti 2025 देवी मातंगी: परिचय और स्वरूप-

    देवी मातंगी को विभिन्न रूपों में पूजा जाता है, जिनमें राज मातंगी, सुमुखी मातंगी, उच्छिष्ट मातंगी, वश्यमातंगी और कर्णमातंगी प्रमुख हैं। प्रत्येक रूप की अपनी विशिष्ट शक्तियां हैं और विभिन्न आध्यात्मिक लाभों के लिए इनका आह्वान किया जाता है।

    देवी मातंगी अपनी सौम्य प्रकृति और अपार शक्ति के लिए जानी जाती हैं। वह आठ दिव्य शक्तियों से भी जुड़ी हुई हैं:-

    रति, प्रीति, मनोभव, क्रिया, क्षुधा, अनंग कुसुम, अनंग मदन और मदन लसा। इन दिव्य शक्तियों के माध्यम से देवी मातंगी भक्तों को विशेष वरदान प्रदान करती हैं।

    देवी मातंगी की उपासना से वाणी में पूर्णता, रचनात्मकता और घरेलू जीवन में सफलता प्राप्त होती है। वह दिव्य तेज प्रदान करती हैं और साधारण आवाज़ को भी शक्तिशाली बना देती हैं। उनके आशीर्वाद से, साधक रहस्यमय ज्ञान और आध्यात्मिक विवेक प्राप्त कर सकता है।

    पुराश्चर्यार्णव में एक श्लोक उनकी महिमा का बखान इस प्रकार करता है:-

    अक्षवक्ष्ये महादेवीं मातङ्गी सर्वसिद्धिदाम्।
    अस्याः सेवनमात्रेण वाक्-सिद्धिं लभते ध्रुम्॥

    इसका अर्थ है कि पवित्र अक्षवक्ष पर विराजमान देवी मातंगी सभी प्रकार की आध्यात्मिक सिद्धियां प्रदान करती हैं। केवल उनकी सेवा करने से ही भक्त वाणी में पूर्णता प्राप्त करते हैं।

    कई शास्त्रों में, भगवान विष्णु के दस अवतारों का दस महाविद्याओं से संबंध बताया गया है, जिसमें देवी मातंगी श्री कुल से संबंधित हैं। महाविद्याएं दो समूहों में विभाजित हैं: श्री कुल और काली कुल, और मातंगी शांति और सौम्यता से जुड़ी हुई हैं।

    Matangi Jayanti 2025 मातंगी जयंती का धार्मिक महत्व-

    मातंगी जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है, जो देवी मातंगी के दिव्य अवतरण का दिन है। वह ज्ञान, विद्या, वाणी और कलाओं की देवी मानी जाती हैं।

    मातंगी जयंती के दिन विशेष अनुष्ठान और पूजा-पाठ का विधान है। इस दिन देवी के मंदिरों में विशेष पूजा आयोजित की जाती है और भक्त गहरी भक्ति के साथ इस दिन का पालन करते हैं। कन्या पूजा भी इस अवसर पर की जाती है, जिसमें छोटी लड़कियों को भोजन, कपड़े और उपहार देकर देवी के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है।

    मातंगी जयंती पर पूजा का विधान और महत्व-

    मातंगी जयंती के दिन देवी मातंगी की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं-

    ज्ञान और विद्या में वृद्धि होती है। देवी मातंगी शिक्षा और ज्ञान की देवी हैं, इसलिए उनकी कृपा से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है और बुद्धि का विकास होता है।

    संगीत, वाणी और कलाओं में निपुणता प्राप्त होती है। देवी मातंगी कलाओं की अधिष्ठात्री हैं, और उनकी पूजा से संगीतकार, गायक, कलाकार और वक्ता अपनी कला में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।

    वैवाहिक जीवन में सद्भाव और खुशहाली आती है। देवी मातंगी की कृपा से दांपत्य जीवन में प्रेम और समझ बढ़ती है, और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

    आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और पूर्णता प्राप्त होती है। देवी मातंगी भक्तों को रहस्यमय ज्ञान में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं, जिससे आध्यात्मिक पथ पर प्रगति होती है।

    मातंगी जयंती 2025 की तैयारियां-

    मातंगी जयंती 2025 के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। देश भर के मंदिरों में विशेष सजावट और पूजा की योजनाएं बनाई जा रही हैं। भक्त इस अवसर पर व्रत रखने, विशेष मंत्रों का जाप करने और हवन करने की तैयारी कर रहे हैं।

    इस वर्ष मातंगी जयंती 30 अप्रैल को पड़ रही है, जो बुधवार का दिन है। बुधवार देवी मातंगी का प्रिय दिन माना जाता है, इसलिए इस वर्ष का महत्व और भी बढ़ जाता है। पंडितों का कहना है कि इस विशेष संयोग में की गई साधना अद्भुत परिणाम ला सकती है।

    विशेषज्ञों के अनुसार, इस दिन सुबह स्नान करके देवी मातंगी का ध्यान करना चाहिए। उनके मंत्रों का जाप करने से वाणी में मधुरता आती है और बुद्धि तेज होती है। हरे वस्त्र पहनना और हरी चीजें देवी को अर्पित करना शुभ माना जाता है।

    घर पर मातंगी जयंती मनाने का सरल तरीका-

    यदि आप घर पर ही मातंगी जयंती मनाना चाहते हैं, तो कुछ सरल विधियां अपना सकते हैं। सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ़ करें और देवी मातंगी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। हरे रंग के फूल, फल और मिठाइयां अर्पित करें।

    देवी मातंगी का मंत्र - "ॐ ह्रीं मातंग्यै फट् स्वाहा" का जाप करें। इसके अलावा, वीणा वादन की ध्वनि या संगीत सुनना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि देवी मातंगी संगीत की देवी भी हैं।

    घर में किसी कन्या का सम्मान करना और उन्हें भोजन, वस्त्र या उपहार देना भी देवी मातंगी को प्रसन्न करने का एक तरीका है। सबसे महत्वपूर्ण है सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा करना।

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    मातंगी जयंती 2025 एक शक्तिशाली दिन है जो बौद्धिक और आध्यात्मिक उन्नति चाहने वालों के लिए विशेष महत्व रखता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रार्थना और अनुष्ठान करके भक्त देवी मातंगी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो ज्ञान, समृद्धि और आंतरिक शांति की ओर ले जाता है।

    आइए इस मातंगी जयंती पर हम सभी देवी मातंगी के आशीर्वाद के पात्र बनें और अपने जीवन में ज्ञान, कला और वाणी की शक्ति का संचार करें। देवी मातंगी की कृपा से हमारा जीवन ज्ञान से प्रकाशित हो और हमारी वाणी में मधुरता आए।

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