Kailash Mansarovar Yatra 2025: आध्यात्मिक प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। पांच साल के लंबे अंतराल के बाद, प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से फिर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा हिंदू और बौद्ध धर्म में विशेष महत्व रखती है और भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए एक जीवन बदलने वाला अनुभव माना जाता है।
Kailash Mansarovar Yatra 2025 यात्रा का महत्व-
कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, जबकि मानसरोवर झील को ब्रह्मा के मानसिक सृजन के रूप में पूजा जाता है। इस पवित्र स्थल की यात्रा से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता के बीच एक अद्भुत सफर भी है।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "कोविड-19 महामारी और अन्य भू-राजनीतिक कारणों से यह यात्रा पिछले पांच वर्षों से स्थगित थी। अब जब हम इसे फिर से शुरू कर रहे हैं, तो हमने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं।"
Kailash Mansarovar Yatra 2025 रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया-
यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो वर्तमान में खुली है और आवेदन की अंतिम तिथि 13 मई 2025 है। इच्छुक तीर्थयात्रियों को अपने आवेदन विदेश मंत्रालय के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करने होंगे।
"हमें पहले से ही हजारों आवेदन मिल चुके हैं, जो इस यात्रा के प्रति लोगों के उत्साह को दर्शाता है," विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया। "हम सभी को एक fair चांस देने के लिए कंप्यूटराइज्ड सिलेक्शन प्रोसेस अपनाएंगे।"
Kailash Mansarovar Yatra 2025 पात्रता मानदंड-
यात्रा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को कुछ विशिष्ट मानदंडों को पूरा करना होगा:
- आवेदक 1 जनवरी 2025 तक 18 से 70 वर्ष के भारतीय नागरिक होने चाहिए
- वैध भारतीय पासपोर्ट होना अनिवार्य है
- बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से अधिक नहीं होना चाहिए
- उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रेकिंग के लिए शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से फिट होना चाहिए
चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा के अनुसार, "कैलाश मानसरोवर यात्रा में 19,500 फीट तक की ऊंचाई पर ट्रेकिंग शामिल है, जहां ऑक्सीजन का स्तर काफी कम होता है। इसलिए यात्रियों का पूरी तरह से स्वस्थ होना बहुत जरूरी है।"
यात्रा के मार्ग और समूह-
2025 की यात्रा दो प्रमुख मार्गों के माध्यम से आयोजित की जाएगी:-
- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड): इस मार्ग में ट्रेकिंग शामिल है और इसमें 50-50 तीर्थयात्रियों के 5 समूहों को समायोजित किया जाएगा। यह रूट अधिक साहसिक है और इसमें पैदल चलने की आवश्यकता होती है।
- नाथु ला दर्रा (सिक्किम): उन लोगों के लिए यह मोटरेबल मार्ग उपयुक्त है जो कठिन ट्रेकिंग नहीं कर सकते। इस मार्ग के लिए 50-50 तीर्थयात्रियों के 10 समूहों की योजना बनाई गई है।
पिछली यात्राओं में भाग ले चुके सुरेश मिश्रा कहते हैं, "दोनों मार्गों के अपने-अपने फायदे हैं। लिपुलेख रूट ज्यादा चुनौतीपूर्ण है लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव अद्वितीय है। वहीं नाथु ला मार्ग आरामदायक और बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक है।"
यात्रा की लागत-
प्रति व्यक्ति लगभग 1.74 लाख रुपये लिपुलेख दर्रा मार्ग के लिए अनुमानित लागत है। यहां इसका विस्तृत विवरण दिया गया है:
- कन्फर्मेशन राशि: 5,000 रुपये
- प्रस्थान से पहले बकाया राशि: 51,000 रुपये
- मेडिकल परीक्षण शुल्क: 5,500 रुपये
- स्ट्रेस इको टेस्ट (यदि सलाह दी गई हो): 2,500 रुपये
- चीन वीजा शुल्क: 2,400 रुपये
- समूह गतिविधियों के लिए योगदान: 4,000 रुपये
- तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) में देय राशि: 1,200 डॉलर (लगभग 1.2 लाख रुपये)
नाथु ला मार्ग के लिए लागत अलग हो सकती है। विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।
एक यात्रा एजेंसी के मालिक रामेश गुप्ता का कहना है, "भले ही लागत थोड़ी अधिक लग सकती है, लेकिन इस आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव अमूल्य है। यह एक ऐसा अवसर है जिसके लिए कई श्रद्धालु जीवन भर इंतजार करते हैं।"
चयन प्रक्रिया-
तीर्थयात्रियों का चयन विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित एक कंप्यूटरीकृत, लैंगिक-संतुलित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। आवेदक किसी साथी के साथ यात्रा करने का अनुरोध कर सकते हैं, हालांकि आवास व्यक्तिगत पात्रता और उपलब्धता पर निर्भर करता है।
चयनित आवेदकों को उनके पंजीकृत ईमेल और मोबाइल नंबर के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त होंगी। उन्हें अपने स्थान को सुरक्षित करने के लिए कन्फर्मेशन फीस का भुगतान करना होगा। सहायता के लिए, हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 उपलब्ध है।
ये भी पढ़ें- श्री राम के वो 10 फैसले जो बदल देंगे आपका धर्म के बारे में सोचने का तरीका!
यात्रियों के लिए सुझाव-
प्रसिद्ध पर्वतारोही और कैलाश यात्रा के विशेषज्ञ अनुपम सिंह का कहना है, "यात्रा से कम से कम तीन महीने पहले फिजिकल फिटनेस पर काम करना शुरू कर दें। रोज़ाना 5-6 किलोमीटर चलने का अभ्यास करें और धीरे-धीरे दूरी बढ़ाएं। साथ ही, high-altitude में होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी रखें।"
उन्होंने आगे सलाह दी, "अपने साथ गर्म कपड़े, waterproof जैकेट, ट्रेकिंग शूज़, फर्स्ट-एड किट, सनस्क्रीन, चश्मे और अन्य जरूरी सामान लेकर जाएं। अपनी जरूरत की दवाइयां भी साथ रखें।"
ये भी पढ़ें- बजरंगबली की विशेष कृपा पाने का सुनहरा अवसर, पाएं बड़ा मंगल 2025 की पूरी जानकारी