Dhirendra Krishna Shastri
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    Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार के गोपालगंज में आयोजित हनुमंत कथा के दौरान हिंदू एकता पर जोर देते हुए इसे देश के लिए अत्यंत आवश्यक बताया है। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि हिंदू समाज यदि एकजुट रहेगा तो कोई भी ताकत उसे विभाजित नहीं कर सकती। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में धार्मिक एकता और सामाजिक सद्भाव के मुद्दे पर विभिन्न स्तरों पर चर्चाएं हो रही हैं।

    Dhirendra Krishna Shastri एकजुट हिंदू अटूट रहेगा-

    गोपालगंज में आयोजित पांच दिवसीय कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "अगर हिंदू अकेले रहेंगे तो वे टूट जाएंगे, लेकिन अगर वे एकजुट होकर रहेंगे तो कोई भी उन्हें तोड़ नहीं सकते।" उन्होंने अपनी बात को समझाने के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी उदाहरण का उपयोग किया। उन्होंने कहा, "अगर कुत्ते को एक पत्थर मारा जाए तो वह भाग जाएगा, लेकिन वही पत्थर अगर मधुमक्खी के छत्ते पर मारा जाए तो आपको ही भागना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि कुत्ता अकेला था, जबकि मधुमक्खी एकजुट थी।"

    शास्त्री जी के इस उदाहरण ने श्रोताओं पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने आगे कहा, "जैसे मधुमक्खियां अपने एकजुट होने की ताकत से किसी को भी हरा सकती हैं, ठीक उसी तरह हिंदू समाज यदि इकट्ठा रहेगा तो कोई भी उसे हरा नहीं सकेगा। हिंदू अलग रहेगा तो उसे भागना पड़ेगा, लेकिन अगर वह एकजुट रहेगा तो देशद्रोहियों को भागना पड़ेगा।"

    Dhirendra Krishna Shastri मैं हिंदुत्व का विचारक हूं-

    अपने भाषण में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने स्पष्ट किया कि उनका संदेश राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक है। उन्होंने कहा, "मैं किसी पार्टी का प्रचारक नहीं हूं, मैं एक हिंदुत्व का विचारक हूं।" उनका यह बयान उन आलोचनाओं का जवाब माना जा रहा है जिनमें कुछ लोग उन्हें किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा से जोड़ते हैं।

    स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया, "शास्त्री जी का संदेश साफ है - हमें अपनी पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट रहना होगा। उनकी बात बिल्कुल सही है कि एकता में ही शक्ति है।" एक अन्य श्रोता सुनीता देवी ने कहा, "शास्त्री जी की बातें सीधे दिल में उतरती हैं। वे बहुत सरल भाषा में गहरी बातें समझाते हैं, जिन्हें हर कोई समझ सकता है।"

    संविधान पर स्पष्ट किया अपना पक्ष-

    हनुमंत कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संविधान संशोधन को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि हम संविधान के खिलाफ हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हम भारत के संविधान का सम्मान करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "संविधान में पहले भी 125 बार से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं और यदि जरूरत पड़ी तो एक बार फिर हिंदू राष्ट्र के लिए संविधान में संशोधन किया जा सकता है।" उनका यह बयान उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

    गोपालगंज के विधि विशेषज्ञ अशोक सिंह ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जिसमें देश की आवश्यकताओं के अनुसार समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं। हालांकि, 'हिंदू राष्ट्र' जैसे शब्द का प्रयोग संविधान के मूल ढांचे पर प्रश्न उठाता है, जिसमें धर्मनिरपेक्षता एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।"

    गोपालगंज में पांच दिवसीय प्रवास-

    बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 6 मार्च से 10 मार्च तक बिहार के गोपालगंज जिले में प्रवास कर रहे हैं। इस दौरान वे हनुमंत कथा के माध्यम से जनता से संवाद कर रहे हैं और सामाजिक एकता का संदेश दे रहे हैं। गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया, "शास्त्री जी के आगमन से जिले में उत्साह का माहौल है। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हो सके।"

    जनता में बढ़ता प्रभाव-

    पिछले कुछ वर्षों में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रभाव देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से बढ़ा है। उनके प्रवचन और 'दिव्य दरबार' में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रामाधार सिंह ने कहा, "शास्त्री जी की लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि वे आम लोगों की भाषा में बात करते हैं और उनकी समस्याओं को समझते हैं। उनके प्रवचन में राजनीति, समाज और धर्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।"

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    हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक नेताओं के ऐसे बयानों का सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ सकता है। समाजशास्त्री प्रो. विनय कुमार ने कहा, "भारत एक बहुलतावादी देश है जहां विविधता में एकता हमारी ताकत है। धार्मिक नेताओं को ऐसे शब्दों का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए जो किसी के लिए भेदभावपूर्ण प्रतीत हों।" बहरहाल, शास्त्री जी का संदेश गोपालगंज के लोगों के बीच गूंज रहा है और उनके प्रवचन में आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।

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