Vastu Tips For Plants: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है और सैकड़ो सालों से लोग इसे मानते आ रहे हैं। घर में रहने के लिए एक अच्छा वातावरण और शांति पूर्ण स्थान बनाने के लिए अग्नि, जलवायु. पृथ्वी और अंतरिक्ष के विचारों के साथ-साथ आध्यात्मिक विचारों का भी इस्तेमाल किया जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, एक घर का सामान ऊर्जा प्रभाव और उसके निवासियों की भलाई को प्रभावित करता है। जबकि घर का लेआउट, कमरे और फर्नीचर सजावट पर केंद्रित है। इसमें घर में पौधे भी शामिल है। पौधों को उनकी जीवंत भावना और प्राकृतिक सुंदरता के साथ अक्सर किसी भी रहने की जगह के लिए लाभकारी माना जाता है।, फिर भी वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कुछ पौधे ऐसे होते हैं।
जिन्हें घर में अंदर नहीं रखना चाहिए, इसे नकारात्मक माना जाता है। वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में पौधों के महत्व पर ज़ोर देता है ना सिर्फ उनके सौंदर्य ऑक्सीजन को, बल्कि हमारे घरों की ऊर्जा से भी जोड़ता है। वास्तु के हिसाब से पौधे जीवित प्राणी हैं जो अपना ऊर्जा क्षेत्र स्वयं देते हैं, यह ऊर्जा घर की ऊर्जा के साथ वहां के रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य, धन और खुशहाली को प्रभावित करती है। ऐसे ही वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कुछ पौधे अच्छे नहीं माने जाते, जिन्हें घर में नहीं रखना चाहिए, वह पौधे कौन से हैं आईए जानते हैं-
सबसे पहले है बबुल-
वास्तु शास्त्र के मुताबिक बबुल के पौधे को घर में नहीं उगाना चाहिए, इसे घर के बाहर ही लगाना चाहिए। अगर इसे घर के अंदर लगाया जाता है तो इसका रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अपनी कांटेदार शाखाओं वाले बबुल को वास्तु शास्त्र में अशुभ माना जाता है और आमतौर पर माना जाता है कि घर के अंदर कांटों की उपस्थिति नकारात्मक उर्जा उत्पन्न कर सकती है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को बाधित करती है।
बरगद का पेड़-
हिंदू धर्म में बरगद को लाभकारी माना जाता है, हालांकि इसे घर के अंदर या उसके आसपास नहीं लगा सकते। यह वस्तु है या नहीं, लेकिन बरगद के पेड़ की जड़ें गहरी और लंबी आयु वाली होती है। उन्हें टब या छत पर उगाना ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा और उनकी जड़ खराब खत्म हो जाएंगे या उनकी जड़ से घर की संरचना खत्म कर हो जाएगी। दूसरा यह है कि बरगद के पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए। इससे पीछे का विज्ञान यह है कि बरगद का पेड़ रात में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। ऐसे में इसके पास सोने से दम घुटने लगा सकता है। इसलिए हमारे पूर्वज बरगद के पेड़ नीचे सोने से बचते थे।
कैक्टस-
कांटेदार पौधों में कैक्टस भी एक ऐसा पौधा जिसे घर के अंदर, बगीचे में या बाहर कहीं नहीं रखना चाहिए। कांटेदार पौधे अगर मौजूद होते हैं तो सूक्ष्म ऊर्जा के चक्कर में विरोधियों के बीच कठोरता, झगड़ा और नकारात्मकता का कारण बन सकते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में कुछ कांटेदार पौधों की अनुमति देता है, जैसे गुलाब।
कैलेडियम का पौधा-
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कैलेडियम का पौधा जिन्हें हाथी के कान के नाम से भी जाना जाता है, अपने रंगीन पैटर्न वाली पत्तियों के लिए काफी फेमस है। फिर भी वास्तु शास्त्र में इसकी अराजकता ऊर्जा और जीवंत रंग बेचैनी का कारण बन सकते हैं। बेहतर होगा कि कैलेडियम के पेड़ को घर के अंदर ना लाएं। वही कपास के पौधे को भी वास्तु शास्त्र के मुताबिक कपास के पौधे को घर में रखना अच्छा नहीं माना जाता है। इसकी कांटेदार फलिया और कांटेदार प्रकृति घर में नकारात्मक ऊर्जा लाती है। कपास के पौधे वास्तु के संतुलन और कुशल वातावरण में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
मरे हुए पौधे-
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, मरे हुए पौधे नकारात्मक ऊर्जा छोड़ते हैं, जो वहां रहने वाले लोगों की भलाई को प्रभावित करते हैं। मरे हुए या रुके हुए पौधे अच्छे ऊर्जा प्रवाह को बाधित करते हैं। इसलिए ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा संतुलन हासिल करने के लिए इन पौधों को शीघ्र हटा दें और उनके स्थान पर स्वस्थ पौधे लगाने की सलाह दी जाती है।
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क्योंकि यह पौधे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं इसलिए इन्हें वास्तु शास्त्र में घर में लगाने से मना किया जाता है।