Eggoz Controversy
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    Eggoz Controversy: प्रीमियम एग ब्रांड एगोज अचानक एक अनचाहे विवाद में फंस गया है। एक यूट्यूब वीडियो ने दावा किया, कि उनके एग सैंपल में बैन किए गए एंटीबायोटिक मेटाबोलाइट के ट्रेस पाए गए हैं। यह वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और कंपनी के फाउंडर अभिषेक नेगी को सामने आकर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने इसे गलत जानकारी फैलाने की कोशिश बताया और अपनी बात रखी।

    विवाद की शुरुआत तब हुई, जब ट्रस्टिफाइड नाम के एक प्रोडक्ट-टेस्टिंग चैनल ने एक वीडियो पोस्ट किया। इस चैनल का दावा है, कि वह ब्लाइंड-टेस्टिंग सिस्टम फॉलो करता है। वीडियो में कहा गया, कि एगोज के एग सैंपल में एओजेड नाम का मेटाबोलाइट मिला है, जो बैन किए गए एंटीबायोटिक नाइट्रोफ्यूरान से लिंक्ड है। चैनल के मुताबिक, लैब टेस्ट में एओजेड का लेवल 0.73 प्रति किलो पाया गया।

    चिंता की लहर-

    हालांकि मात्रा बहुत कम थी, लेकिन इस दावे ने चिंता की लहर पैदा कर दी। कई लोगों ने इसे कैंसर रिस्क से जोड़ दिया और सवाल उठाने लगे, कि क्या एगोज का “100% एंटीबायोटिक-फ्री” प्रॉमिस अब भी सही है। एक ऐसे ब्रांड के लिए जिसने अपनी पहचान क्लीनर और सेफर एग्स देने के दम पर बनाई है, यह आरोप बेहद सेंसिटिव था। कंसिमर्स ने जवाब की मांग की और फूड सेफ्टी और रेगुलेटरी ओवरसाइट को लेकर बहस तेज हो गई।

    एगोज का जवाब और सफाई-

    9 दिसंबर को एगोज ने इंस्टाग्राम पर एक विस्तृत क्लैरिफिकेशन पोस्ट की। कंपनी ने साफ शब्दों में कहा कि उनके एग्स सेफ हैं और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएसएसएआई के सभी नॉर्म्स के मुताबिक हैं। कंपनी ने समझाया, कि एनवायरनमेंट-लिंक्ड टेस्ट में मिले ट्रेस रेसिड्यू हमेशा डायरेक्ट एंटीबायोटिक यूज से नहीं आते। यह ग्राउंडवाटर कंटैमिनेशन या फीड एक्सपोजर जैसे फैक्टर्स से भी हो सकता है।

    रेसिड्यू लीक-

    एगोज ने जोर देकर कहा, कि वह पूरी वैल्यू चेन में स्ट्रिक्ट जीरो-एंटीबायोटिक पॉलिसी फॉलो करते हैं और किसी भी तरह के रेसिड्यू लीक को रोकने के लिए अतिरिक्त चेक्स करते हैं। अपनी बात को मजबूत करने के लिए कंपनी ने एक एनएबीएल-एक्रेडिटेड इंडिपेंडेंट लैबोरेटरी से फ्रेश टेस्ट कराए। दो दिन बाद 11 दिसंबर को ब्रांड ने एक्स पर अपनी लैबोरेटरी रिपोर्ट्स के डायरेक्ट लिंक्स शेयर किए। अपडेट में दोहराया गया कि उनके एग्स बैन किए गए एंटीबायोटिक्स, पेस्टिसाइड्स और ड्रग रेसिड्यू के लिए क्लियर टेस्ट हुए हैं।

    फाउंडर अभिषेक नेगी का मजबूत जवाब-

    फाउंडर अभिषेक नेगी ने भी लिंक्डइन पर एक विस्तृत रिस्पांस पोस्ट किया। उन्होंने वीडियो से हुए पैनिक पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि पब्लिक स्क्रूटनी वेलकम है, लेकिन इस स्केल की गलत जानकारी कंज्यूमर ट्रस्ट को नुकसान पहुंचाती है और हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड्स की दिशा में काम कर रहे ब्रांड्स को हार्म करती है।

    नेगी ने लिखा कि एक फाउंडर के रूप में वह वीडियो से फैली गलत जानकारी और फियर-मोंगेरिंग से स्तब्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी का बैन किए गए सब्सटांस पर नॉन-नेगोशिएबल स्टांस है और उन्होंने कहा कि बैन मीन्स बैन, कोई डिस्कशन नहीं, कोई एक्सेप्शन नहीं, कोई जुगाड़ नहीं।

    11-लेयर सेफ्टी प्रोसेस-

    नेगी ने एगोज की 11-लेयर सेफ्टी प्रोसेस को हाइलाइट किया, जिसमें हर्बल-बेस्ड फीड, फार्म्स पर रिगोरस मॉनिटरिंग और बैच-वाइज ट्रेसेबिलिटी शामिल है। उन्होंने बताया कि लेटेस्ट एनएबीएल-सर्टिफाइड रिपोर्ट्स में बैन किए गए केमिकल्स, पेस्टिसाइड्स या हैवी मेटल्स का कोई ट्रेस नहीं मिला है। एक और सैंपल इंडिपेंडेंट वेरिफिकेशन के लिए भेजा गया है और एक हफ्ते में रिजल्ट आने की उम्मीद है।

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    जैसे-जैसे ऑनलाइन बहस जारी है, एगोज का कहना है, कि उनकी प्रोसेस ट्रांसपेरेंट है और उनके प्रोडक्ट्स सेफ हैं। कंपनी कंज्यूमर्स से अपील कर रही है कि वायरल क्लेम्स के बजाय सर्टिफाइड रिपोर्ट्स पर भरोसा करें।

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