Copper Bottles Side Effects
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    Copper Bottles Side Effects: कुछ समय से तांबे की बोतल में पानी पीने का ट्रेंड बढ़ गया है, क्योंकि बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि तांबे की बोतल में रखे पानी को पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इससे आपके पाचन में तो सुधार होता ही है साथ ही में यह आपके शरीर में बिमारीयों से लड़मने की क्षमता को बढ़ाता है। वैसेल में तो तांबे की बोतल में रखे पानी को पीने से कई लाभ होते हैं, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल आपको नुकसान भी पहुंचाता है। इसलिए अगर आप भी तांबे के बोतल में रखे पानी को पीने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले आपको इसके नुकसान के बारे में सोच लेना चाहिए।

    पेट से जुड़ी समस्या (Copper Bottles Side Effects)-

    हाल ही में एक विशेषज्ञ सोशल मीडिया पर एक किस्सा शेयर किया था, जिसमें एक बच्ची ने तांबे की बोतल में रखे गर्म पानी को नींबू के साथ पी लिया। जिससे उसे पेट से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। तांबे की बोतल में रका पानी फायदेमंद तो होता है लेकिन सही मात्रा में और सही तरीके से इस्तेमाल करने पर। इसके साथ ही आपको कभी भी तांबे की बोतल में गर्म पानी या नींबू नहीं डालना चाहिए। क्योंकि यह तांबे के साथ प्रतिक्रिया करता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है और पेट से जुड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है। तांबा एक ऐसा खनिज होता है, जो कि आपकी शरीर में अलग-अलग कामों के लिए जरूरी है।

    तंत्रिका कोशिकाओं के रखरखाव में भी योगदान-

    यह लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में मदद करता है। साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज में भी सुधार करता है और तंत्रिका कोशिकाओं के रखरखाव में भी योगदान देता है। थोड़ी मात्रा में तांबा सच में फायदेमंद होता है। लेकिन हमें इसे सिर्फ संतुलन में इस्तेमाल करना चाहिए। असंतुलन की वजह से आपकी शारिरिक प्रकृतिक का संतुलन को बिगड़ सकता है। जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। तांबे की बोतल से पानी पीना आपके तांबे के सेवन को बढ़ाने का एक प्राकृतिक तरीका है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि क्या स्वस्थ है और क्या नहीं।

    तंत्रिका संबंधी विकार-

    तांबे की बोतलों का इस्तेमाल करने से जुड़ी सबसे बड़ी चिताओं में से एक तांबे का ज़हर है। तांबा एक भारी धातु होता है और इसके ज्यादा सेवन से यह शरीर में जमा हो जाता है। लगातार संपर्क में रहने से लीवर को नुकसान पहुंच सकता है. तंत्रिका संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं और साथ ही किडनी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसका फायदा बोतलों को सही तरीके से इस्तेमाल करने और बोतलों में पानी पीने से होता है। यह सब बोतलों के इस्तेमाल और रखरखाव के तरीकों पर भी निर्भर करते हैं। हानिकारक बैक्टीरिया और ऑक्सीकरण के निर्माण को रोकने के लिए तांबे को बोतल को नियमित सफाई और उचित हैंडलिंग की जरूरत होती है।

    जोखिम का खतरा-

    जब इसे सही तरीके से साफ नहीं किया जाता, तो तांबा अम्लिय पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करता है और यह ज़हरीला हो जाता है। जिससे हानिकारक योग बनते हैं, जो आपके शरीर के लिए बिल्कुल सही नहीं हैं। इसके अलावा पानी को लंबे समय तक एक तांबे की बोतल में रखने से तरल में तांबे के आयनो की रिहाई बढ़ जाती है। जिससे जोखिम का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप तांबे की बोतल को लेकर परेशान हैं, तो इसके लिए आपको इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में जान लेना चाहिए। शुरुआती लक्षणों में मलती, मुंह में धातु जैसा स्वाद और पेट में ऐठन जैसी समस्याएं होती हैं।

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    गंभीर लक्षण-

    ज्यादातर गंभीर लक्षणों में पीलिया, लगातार सिर दर्द और पेट में दर्द होना शामिल है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना और जानकारी रखना, तांबे के संपर्क से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है। अपनी तांबे की बोतल को नियमित रूप से रगड़कर अच्छे से साफ करें और इसमें लंबे समय तक पानी न छोड़ें। इसके अलावा सादे पानी के लिए तांबे की बोतलों का इस्तेमाल सीमित ही करें और अम्लिय, नींबू या गर्म पानी जैसी चीजों को तांबे की बोतल में रखने से बचना चाहिए।

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