Chanakya Niti
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    Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महान दार्शनिक और अर्थशास्त्री चाणक्य (जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है) ने अपने ग्रंथ अर्थशास्त्र में न केवल राजनीति और अर्थव्यवस्था पर बल्कि व्यक्तिगत जीवन में सफलता और सद्गुणों को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए हैं। उनके द्वारा दिए गए ज्ञान आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि उस समय थे। चाणक्य के अनुसार, हमारे जीवन की दिशा और दशा हमारे आसपास के लोगों से काफी प्रभावित होती है, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने जीवन में किन लोगों को शामिल करते हैं, इस पर विशेष ध्यान दें।

    चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ विशेष प्रकार के लोगों को अपने घर पर आमंत्रित करने से बचना चाहिए क्योंकि वे आपके जीवन में नकारात्मकता ला सकते हैं या आपके सुख-शांति को भंग कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से 6 प्रकार के लोग हैं जिन्हें चाणक्य के अनुसार अपने घर पर आमंत्रित नहीं करना चाहिए।

    Chanakya Niti वेदों का ज्ञान न रखने वाले लोग-

    चाणक्य के अनुसार, वेदों का ज्ञान न रखने वाले लोगों से दोस्ती करने से बचना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप केवल धार्मिक विद्वानों के साथ ही संबंध रखें, बल्कि इसका अर्थ है कि ऐसे लोगों से दूरी बनाएं जो जीवन के मूल्यों और नैतिकता का ज्ञान नहीं रखते। वेदों में न केवल धार्मिक शिक्षाएं हैं बल्कि जीवन जीने की कला, सही और गलत के बीच अंतर, और समाज में सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक मूल्य भी सिखाए गए हैं।

    आज के संदर्भ में, इसका अर्थ उन लोगों से दूरी बनाना है जो जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, नैतिक मूल्यों की उपेक्षा करते हैं, और अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का नुकसान करने से नहीं हिचकिचाते। ऐसे लोगों का साथ आपके विचारों और आदतों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

    Chanakya Niti दूसरों को दुख पहुंचाने वाले लोग-

    चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से दूर रहें जो जानबूझकर दूसरों को चोट पहुंचाते हैं और इसके लिए कोई पछतावा नहीं करते। यह चोट शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक किसी भी प्रकार की हो सकती है। दूसरों की भावनाओं की परवाह न करने वाले और उन्हें ठेस पहुंचाने में संकोच न करने वाले लोग आपके जीवन में भी नकारात्मकता ला सकते हैं।

    ऐसे लोग अक्सर अपने आत्मविश्वास की कमी या अपनी असुरक्षा को छिपाने के लिए दूसरों को नीचा दिखाते हैं। उनके साथ समय बिताने से आप भी उनकी इस आदत को अनजाने में अपना सकते हैं, इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही बेहतर है।

    Chanakya Niti अवसरवादी लोग-

    चाणक्य के अनुसार, सच्चे मित्र वे होते हैं जो मुश्किल समय में आपका साथ देते हैं। उन लोगों पर ध्यान न दें जो केवल तब आते हैं जब उन्हें कुछ चाहिए। अवसरवादी लोग हमेशा अपने फायदे के लिए रिश्ते बनाते हैं और जब उनका काम हो जाता है, तो वे गायब हो जाते हैं।

    ऐसे लोग आपकी सफलता या खुशी में आपके साथ नहीं होते, लेकिन जब उन्हें आपकी मदद या आपके संसाधनों की आवश्यकता होती है, तब अचानक प्रकट हो जाते हैं। ये रिश्ते एकतरफा होते हैं और आपको भावनात्मक रूप से थका सकते हैं। इसलिए, ऐसे लोगों से सावधान रहें और अपने जीवन में उन्हें महत्व न दें।

    कुकर्मी लोग-

    चाणक्य ने सलाह दी है कि ऐसे लोगों पर भरोसा न करें जो आपके मन के साथ चालें चलते हैं; वे चतुर और हानिकारक हो सकते हैं। कुकर्मी लोग वे होते हैं जो अपने स्वार्थ के लिए झूठ बोलने, धोखा देने या किसी भी गलत काम को करने से नहीं हिचकते।

    ऐसे लोग अक्सर आपको अपनी बातों में फंसाकर आपसे गलत काम करवा सकते हैं या आपको भी गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं। इनके साथ रहने से आप भी अनजाने में उनके गलत कामों में शामिल हो सकते हैं या फिर उनके कारण समस्याओं में पड़ सकते हैं। इसलिए, कुकर्मी लोगों से हमेशा दूर रहें और उन्हें अपने घर में प्रवेश न करने दें।

    दोमुंहे लोग-

    चाणक्य के अनुसार, कुछ लोग आपके सामने तो ईमानदारी का दिखावा करते हैं, लेकिन जब आप मौजूद नहीं होते तो आपके बारे में बुरा बोलते हैं। ऐसे दोमुंहे लोग किसी भी रिश्ते के लिए खतरनाक होते हैं क्योंकि वे आपको धोखा दे सकते हैं और आपके विश्वास का दुरुपयोग कर सकते हैं।

    ये लोग अक्सर आपके और आपके करीबी लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करके आपके रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनकी दोहरी प्रकृति के कारण, आप कभी भी उन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकते। इसलिए, ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर है और उन्हें अपने निजी जीवन में जगह न दें।

    नकारात्मक बातें करने वाले लोग-

    चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से बचें जो हमेशा नकारात्मक बातें करते हैं, क्योंकि वे आपको भी नीचे ला सकते हैं। नकारात्मक लोग हर स्थिति में समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और संभावनाओं को नजरअंदाज करते हैं। उनके साथ रहने से आपका दृष्टिकोण भी नकारात्मक हो सकता है।

    ऐसे लोग अक्सर शिकायतें करते रहते हैं, दूसरों की आलोचना करते हैं और हर चीज में बुराई ढूंढते हैं। उनकी यह नकारात्मकता छूत की तरह फैल सकती है और आपके सोचने के तरीके को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए, अपने मानसिक स्वास्थ्य और सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए, नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं।

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    आज के समय में चाणक्य के विचारों की प्रासंगिकता-

    चाणक्य के ये सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने वे 2300 साल पहले थे। आज के तनावपूर्ण और तेजी से बदलते समय में, यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है कि हम अपने आसपास के लोगों का चयन सावधानी से करें। हमारे आसपास के लोग हमारे विचारों, आदतों और यहां तक कि हमारे भविष्य को भी प्रभावित करते हैं।

    चाणक्य के इन सिद्धांतों को अपनाकर, हम अपने जीवन में सकारात्मकता को बढ़ावा दे सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। याद रखें, अच्छे रिश्ते और अच्छे लोगों का साथ हमारे जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है, जबकि गलत लोगों का साथ हमें नीचे ले जा सकता है।

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    यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है, और हम इसकी सटीकता की गारंटी नहीं दे सकते। हमारा उद्देश्य ज्ञान को साझा करना है। प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन और उनके सिद्धांतों को समझना हमारी संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है, लेकिन किसी भी सलाह या सिद्धांत को अपनाने से पहले अपने विवेक का उपयोग करें।