Mutual Fund SIP Investment: आज के महंगाई के दौर में 25,000 रुपए की सैलरी पर एक बड़ी गाड़ी और अपना घर खरीदना किसी सपने से कम नहीं लगता। ज्यादातर लोग यही सोचते हैं, कि इतनी कम आमदनी में तो बुनियादी जरूरतें पूरी करना ही मुश्किल है, फिर फॉर्च्यूनर जैसी आलीशान गाड़ी और घर की बात तो छोड़िए। लेकिन बिज़नेस कंसल्टेंट दीपक वाधवा का मानना है, कि थोड़े से धैर्य और अनुशासन के साथ यह असंभव लगने वाला सपना भी हकीकत बन सकता है।
दीपक वाधवा ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है, “क्या आपने कभी सुना है, कि 25,000 रुपए की तनख्वाह में फॉर्च्यूनर और घर खरीदा जा सकता है? यह धोखाधड़ी लगता है ना? लेकिन गणित कुछ और ही कहानी कहती है।” उन्होंने एक आसान लेकिन पावरफुल योजना बताई है, जिसमें छोटे-छोटे लेकिन नियमित निवेश के जरिए आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदला जा सकता है।
SIP का जादू-
वाधवा जी का फॉर्मूला बिल्कुल स्पष्ट है। वे कहते हैं, “अपनी 25 हजार की तनख्वाह से 5,000 रुपए की एसआईपी शुरू करें। हर साल इसमें 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करें। 15 साल में आपके पास 1.5 करोड़ रुपए का निवेश संग्रह तैयार हो जाएगा। इसके बाद व्यवस्थित निकासी योजना में बदल दें। इससे आपको अगले 30 साल तक हर महीने 2 लाख रुपए मिलेंगे।”
यह रणनीति सुनने में जितनी आसान लगती है, उसके पीछे का गणित उतना ही मजबूत है। पहले साल आप 5,000 रुपए महीने के हिसाब से 60,000 रुपए सालाना निवेश करते हैं। दूसरे साल यह बढ़कर 6,000 रुपए महीने यानी 72,000 रुपए सालाना हो जाता है। इस तरह हर साल 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आपका निवेश लगातार बढ़ता रहता है।
दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण की कुंजी-
वाधवा जी इस बात पर जोर देते हैं, कि समय के साथ निवेश की वृद्धि चक्रवृद्धि ब्याज पर निर्भर करती है। चक्रवृद्धि का मतलब यह है, कि आपको न केवल अपने मूल निवेश पर बल्कि पहले से मिले मुनाफे पर भी मुनाफा मिलता है। यही कारण है, कि छोटी शुरुआत भी समय के साथ बड़ी रकम में तब्दील हो जाती है।

वे बताते हैं, कि धैर्य और निवेश में नियमित वृद्धि एक बड़े निवेश संग्रह के निर्माण में योगदान देती है, जिसका इस्तेमाल बाद में व्यवस्थित निकासी योजना के माध्यम से मासिक आय उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है। वे स्पष्ट करते हैं, “यह कोई तेजी से अमीर बनने की योजना नहीं है। यह चक्रवृद्धि और अनुशासन का जादू है।”
अनुशासन के माध्यम से सामर्थ्य-
वाधवा जी का सुझाव है, कि सावधानीपूर्वक नियोजन के साथ, कम आय से शुरुआत करने वाले लोग भी घर और गाड़ी दोनों के लिए मासिक किस्तों का प्रबंधन कर सकते हैं। उनका नज़रिया बड़े और जोखिम भरे निवेश के बजाय अनुशासन और क्रमिक वृद्धि पर केंद्रित है। वे कहते हैं, अचानक से फॉर्च्यूनर और एक सुंदर घर दोनों की मासिक किस्तें असंभव नहीं लगतीं।”
यह नज़रिया इस सिद्धांत पर आधारित है, कि स्थिर आय वाले व्यक्ति भी अगर समझदारी से निवेश करें, तो बड़े सपने पूरे कर सकते हैं। मुख्य बात यह है, कि आपको अपनी आय का एक हिस्सा लगातार निवेश करते रहना होगा और हर साल इसमें वृद्धि करनी होगी।
सफलता का असली मंत्र-
वाधवा जी संपत्ति निर्माण में धैर्य के महत्व पर जोर देते हैं। उनका मानना है, कि असली चुनौती यह नहीं है, कि कोई व्यक्ति बड़ी खरीदारी कर सकता है या नहीं, बल्कि यह है, कि क्या उसमें समय के साथ आवश्यक राशि जुटाने का धैर्य है। जैसा कि वे कहते हैं, “सवाल यह नहीं है, कि क्या मैं इसे खरीद सकता हूं? सवाल यह है, कि क्या मैं इसे बनाने के लिए पर्याप्त धैर्यवान हूं?”
युवा कमाने वालों के लिए संदेश स्पष्ट है। मामूली तनख्वाह पर भी दीर्घकालिक लक्ष्य पहुंच के भीतर हैं, बशर्ते कि आप चक्रवृद्धि की प्रक्रिया पर भरोसा करने और अनुशासित रहने के लिए तैयार हों। उनकी सलाह यथार्थवादी अपेक्षाएं रखने और निरंतर बने रहने पर केंद्रित है।
कैसे करें शुरुआत-
इस योजना को अमल में लाने के लिए सबसे पहले अपनी मासिक आय का बजट बनाएं। 25,000 रुपए की तनख्वाह में से 5,000 रुपए निवेश करना शुरू में मुश्किल लग सकता है, लेकिन यदि आप अपने खर्चों की समीक्षा करें तो यह संभव है। अनावश्यक खर्चों को कम करें और पहले निवेश को प्राथमिकता दें।
ये भी पढ़ें- इस देश में समुद्र के नीचे मिला 8,500 साल पुराना शहर, स्टोन एज का…
एक अच्छे Mutual Fund का चयन करें, जिसमें लंबे समय में बेहतर रिटर्न की संभावना हो। अपनी एसआईपी राशि को हर साल बढ़ाना न भूलें। अगर आपकी तनख्वाह में इजाफा होता है, तो निवेश की राशि भी बढ़ाएं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर निवेश बंद न करें।
वित्तीय सलाहकारों का मानना है, कि यह नज़रिया न केवल व्यावहारिक है, बल्कि सिद्ध भी है। चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति का इस्तेमाल करके मध्यम वर्गीय परिवार भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। मुख्य बात यह है, कि जल्दी शुरुआत करें, धैर्य रखें और अनुशासित रहें।
ये भी पढ़ें- पैसों की जरूरत नहीं, इस कैफे में कचरे के बदले मिलता है भरपेट स्वादिष्ट खाना



