Uttarkashi Tunnel Rescue
    Photo Source - Twitter

    Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद पिछले 8 दिनों से 41 मजदूर उसके बीच फंसे हुए हैं। जिनके लिए पूरा देश चिंता में है। उन्हें सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। इसमें बहुत सी एजेंसियां भी जुटी हुई है। अब उन्हें मदद पहुंचाने के लिए डीआरडीओ के जरिए रिमोट से चलने वाले व्हीकल मंगवाए गए हैं। इसके साथ ही रोबोटिक इक्विपमेंट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे सुरंग के अंदर भेज कर मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। जानकारी के मुताबिक, एक माइक्रो ड्रोन भी साइड से पर मंगवाया गया है। जिसे पाइप के जरिए अंदर भेजने की योजना बनाई गई है।

    इंटरनेट नेटवर्क

    ऑप्टिकल फाइबर के जरिए टर्नर में फंसे लोगों तक इंटरनेट नेटवर्क भेजा जाएगा। अधिकारियों की ओर से तैयार किए गए नए बचाव प्लान के मुताबिक, दो एरिया तैयार किए जाएंगे। इनमें से एक रेस्क्यू के लिए होगी और एक खाना पहुंचाने के लिए। इसके साथ ही टनल में खाने की सामग्री पहुंचाने के लिए एक नया 6 इंच का पाइपलाइन डाल डाल दिया गया है।

    जरूरत की चीज-

    इस 6 इंच के पाइप के जरिए अब खाने पीने का ज्यादा सामान और जरूरत की चीज अंदर भेजी जा सकेंगी। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर के टनल से बाहर निकलते ही उन्हें मेडिकल हेल्प देने के लिए टनल की साइट पर अस्थाई अस्पताल भी तैयार कर दिया गया है।

    हर एक बैड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर-

    इन 6 बेड के अस्पतालों में हर एक बैड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। इसे अस्थाई अस्पताल में एक ऑक्सीजन मॉनिटर, ब्लड प्रेशर और प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी सभी चीज रखी गई है। इसके साथ ही एयर एंबुलेंस और एम्स हरिद्वार सबसे नजदीकी अस्पतालों में से एक अलर्ट पर है।

    ये भी पढ़ें- Mamata Banerjee ने टीम इंडिया की प्रैक्टिस जर्सी को लेकर किए सवाल

    मनो चिकित्सक-

    एक मनो चिकित्सक को भी बुलाया गया है, जो की टनल में फंसे लोगों की वॉकी टॉकी के जरिए लगातार काउंसलिंग कर रहा है। फिलहाल उन्हें बाहर निकालने के लिए 6 अलग-अलग रेस्क्यू प्लान पर काम चल रहा है। आगे ढाई से दो दिनों में बाहर निकालने की संभावना जताई जा रही है।

    ये भी पढ़ें- Fake Doctors in Delhi: फर्जी डॉक्टर का पर्दाफाश, जानिए पूरा मामला