TVK Rally Tragedy: तमिलनाडु के करुर जिले में तमिलगा वेत्री कळगम (TVK) के मुखिया विजय की रैली में एक भीषण त्रासदी हुई है। भगदड़ में 38 लोगों की जान चली गई है, जिसमें 10 बच्चे और 17 महिलाएं शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में 46 लोग घायल भी हुए हैं। यह घटना एक बार फिर से राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है और दिखाती है, कि कैसे उत्साह में डूबे समर्थकों की भीड़ कभी-कभी जानलेवा हो सकती है।
पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, कि कुछ लोग उस जगह पर बेहोश हो गए थे, जहां बड़ी संख्या में भीड़ आगे की तरफ धकेल रही थी, जिससे भगदड़ मच गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का अनुमान है, कि कार्यक्रम स्थल पर कम से कम 30,000 लोग जमा हुए थे। विजय को नमक्कल में अपनी पहली रैली के बाद यहां भाषण देना था, लेकिन उनके आने में छह घंटे से ज्यादा की देरी हो गई, जिस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई।
कैसे बिगड़े हालात-
जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई और गर्मी भीड़भाड़ के कारण लोगों का दम घुटने लगा, विजय ने अपना भाषण रोक दिया और मदद के लिए भीड़ पर पानी की बोतलें फेंकना शुरू कर दिया। वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है, कि कैसे विजय ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत अपनी प्राथमिकता बदली और लोगों की मदद करने की कोशिश की।
🚨 Tragedy in Tamil Nadu: A stampede-like situation at actor-politician Vijay’s rally in Karur claimed 10 lives- including 3 children & 7 TVK supporters.
— The Alternate Media (@AlternateMediaX) September 27, 2025
Crowds had waited 6+ hrs, with Vijay arriving late. State Health Minister on site, CM Stalin monitoring.#TamilNadu #Vijay… pic.twitter.com/LPN0q187Sz
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच के आदेश-
गृह मंत्रालय ने इस घटना पर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, जो आज रात करुर आ रहे हैं, ने एक्स पर पोस्ट करके इस त्रासदी पर अपना शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज जस्टिस अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय पैनल द्वारा भगदड़ की जांच का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक बयान में कहा, “मैंने इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले परिवारों को मुख्यमंत्री राहत फंड से 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अस्पतालों में गहन चिकित्सा प्राप्त कर रहे लोगों के लिए 1 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।” यह कदम पीड़ित परिवारों के लिए तत्काल राहत का काम करेगा, हालांकि यह उनके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री का शोक संदेश-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि करुर में राजनीतिक रैली के दौरान हुई यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा, “मेरे विचार उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इस कठिन समय में उन्हें शक्ति देने की कामना करता हूं। घायल सभी लोगों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।”
The unfortunate incident during a political rally in Karur, Tamil Nadu, is deeply saddening. My thoughts are with the families who have lost their loved ones. Wishing strength to them in this difficult time. Praying for a swift recovery to all those injured.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2025
विजय की प्रतिक्रिया और मीडिया से बचाव-
घटना के बाद विजय त्रिची एयरपोर्ट गए और चेन्नई के लिए फ्लाइट ली। उन्होंने मीडिया को कोई बयान देने से इनकार कर दिया और एयरपोर्ट पर कैमरों से अपना चेहरा छुपाया। राज्य की राजधानी में उतरने के बाद ही उन्होंने पहली बार इस घटना पर बोला। उन्होंने कहा, “मेरा दिल टूट गया है, दर्द से तड़प रहा है।”
विजय का मीडिया से बचना समझ में आता है, क्योंकि ऐसे संवेदनशील मामलों में कोई भी गलत बयान स्थिति को और बिगाड़ सकता है। लेकिन एक राजनीतिक नेता के रूप में उनकी जिम्मेदारी भी बनती है, कि वे अपने समर्थकों और जनता के सामने स्पष्ट रुख रखें।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी समस्याएं-
यह पहली बार नहीं है, जब विजय की रैलियां जांच के दायरे में आई हैं। इस महीने की शुरुआत में त्रिची में उनकी पहली रैली में भी भारी भीड़ ने उनके काफिले को एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया, जिससे 20 मिनट की सवारी छह घंटे के ट्रैफिक जाम में बदल गई और पूरा शहर ठप हो गया।
सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए, पुलिस ने TVK रैलियों के लिए 23 शर्तें लगाई थीं, जिसमें काफिले में शामिल होने की रोक, सार्वजनिक स्वागत की मनाही और गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को ऑनलाइन कार्यक्रम देखने की सलाह शामिल थी। अदालतों ने भी सार्वजनिक सुरक्षा और अभिनेता-राजनेता की जिम्मेदारी के बारे में सख्त टिप्पणी की थी।
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अदालत की चेतावनी और सवाल-
मद्रास हाई कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में TVK की याचिका की सुनवाई करते हुए, पुलिस द्वारा रैलियों के लिए लगाई गई “कठोर और पूरी न कर सकने वाली शर्तों” के खिलाफ सवाल उठाया था कि क्या ऐसी पाबंदियां सभी पार्टियों पर लागू की जा रही हैं। जस्टिस एन सतीश कुमार ने 13 सितंबर को विजय की त्रिची रैली में हुई अराजकता का जिक्र करते हुए कहा था, “अगर कुछ अप्रिय घटना हुई होती तो कौन जिम्मेदारी लेता? पार्टी अध्यक्ष के रूप में विजय को भीड़ को नियंत्रित करना चाहिए।”
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जिम्मेदारी के सवाल-
विजय के बार-बार अपील करने के बावजूद, उनके समर्थकों ने इनमें से अधिकांश शर्तों की खुलेआम अवहेलना की। कई लोग बच्चों को भी साथ लेकर आए थे। करुर की त्रासदी TVK की जवाबदेही और पुलिस की तैयारी दोनों पर सवाल खड़े करती है।